डोडा मुठभेड़ : केंद्रीय मंत्री ने कहा, आतंकवादियों का बहुत बुरा हश्र होगा

जम्मू, 16 जुलाई . जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार शाम आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी सहित सेना के चार जवान और एक स्थानीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए. जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है. केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि आतंकवादियों का बुरा हश्र होगा.

कांग्रेस प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने इस आतंकी हमले के बाद से बात करते हुए कहा, “यह बहुत ही दुखद और गंभीर चिंता का विषय है कि ऐसे हमले रोज हो रहे हैं. पिछले कई महीनों से जम्मू सूबे को टारगेट किया गया है. पिछले ढाई महीनों के दौरान जम्मू में 11 हमले हो चुके हैं. कई जवान शहीद हुए हैं और कई गंभीर रूप से घायल हैं. सरकार के दावों के विपरीत जम्मू के हालात बहुत खराब नजर आ रहे हैं. ये बहुत चिंता का विषय है, इस पर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए और बताना चाहिए कि इतने हमले क्यों हो रहे हैं.”

इस घटना पर जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने से बात की और कहा कि पाकिस्तान के कायर आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर को फिर से लहूलुहान किया है. पीठ पर वार करना इनकी फितरत है. आतंकी घटनाओं को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो गुनहगार हैं, उनको भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि आतंकी साजिश कर जम्मू कश्मीर का माहौल खराब करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करे. पाकिस्तान की साजिश इन चुनावों में खलल डालने की है.

भारत सरकार में कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने भी इस घटना पर से बात की और कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में कहा था कि देश आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है. आतंकवादियों का बहुत बुरा हश्र होगा.

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जिस तरह से कहा गया था कि अब कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा, अब क्या हो रहा है? नए क्षेत्र में आतंकी घटनाएं शुरू हो चुकी हैं. सरकार को मानना होगा कि हम फेल हो गए हैं.

सोमवार देर शाम यह मुठभेड़ उस समय हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने डोडा शहर से 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की लेकिन सैनिकों ने उनका पीछा किया. अधिकारियों ने बताया कि रात करीब 9 बजे जंगल में फिर से गोलीबारी शुरू हो गई.

मुठभेड़ में सेना और पुलिस के पहले पांच सुरक्षाकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई थी. बाद में मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

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