नई दिल्ली, 16 नवंबर . ब्लैक वाटर यानी अल्कलाइन वाटर का नाम हम सबने सुना है. लगभग हर सेलिब्रिटी को आपने इसकी खूबियां बताते सुना होगा. लोग इसे महंगा होने के बावजूद फिट और स्वस्थ रहने के लिए इसे पीना पसंद करते हैं. हालांकि काफी महंगा होने की वजह से यह आम लोगों की पहुंच से बहुत दूर है.
इंसान के शरीर का 70 फीसदी हिस्सा पानी का बना होता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिया जाए. पानी हमारे शरीर से गैर जरूरी तत्वों को न सिर्फ बाहर निकालता है बल्कि शरीर का तापमान भी सामान्य बनाए रखता है. साथ ही ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में कब्ज जैसी समस्याएं नहीं होती हैं.
ब्लैक वाटर बेचने वाली कंपनियां इस पानी में 70 से अधिक मिनरल्स मिलाकर बेचने की बात कहती हैं. ब्लैक वाटर में मैग्नेशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स मौजूद होने का दावा किया जाता है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डॉक्टर अमित कुमार कहते हैं, “ ब्लैक वाटर का अल्कलाइन नेचर होने की वजह से यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. साथ ही इसमें बहुत सारे मिनरल्स भी होते हैं. इससे यह हमारे शरीर के लिए और ज्यादा बेहतर बन जाता है. ब्लैक वाटर से शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया तेज होती है, पाचन बेहतर होता है, एसिडिटी कम होती है और इम्यूनिटी में सुधार होता है. हम जो सामान्य पानी पीते हैं, उसमें कुछ खनिज पदार्थ अपेक्षाकृत कम मात्रा में होते हैं. ये खनिज हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं और अगर इनमें कमी हो, तो इंसान बीमार भी पड़ सकता है. आरओ के पानी का पीएच स्तर कम होता है और इसका एसिडिक नेचर अधिक होता है. इस कारण कभी-कभी शरीर को आरओ पानी से समस्याएं हो सकती हैं. इसका नतीजा यह होता है कि हमें कभी-कभी विटामिन्स और सप्लीमेंट्स अतिरिक्त रूप से लेने पड़ते हैं. ऐसे में ब्लैक वाटर कुछ हद तक इससे बचने में मदद कर सकता है. हालांकि, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि प्राकृतिक विकल्प इन चीजों से हमेशा अधिक प्रभावी होते हैं.”
डॉक्टर अमित आगे कहते हैं, “तरल खाद्य पदार्थों की अम्लीय और क्षारीय गुणों को पीएच से मापा जाता है, जो 0 से 14 अंकों के स्केल पर होता है. अगर किसी पानी का पीएच स्तर 1 है, तो इसे अत्यधिक अम्लीय माना जाता है, जबकि पीएच 13 होने पर यह पानी अधिक क्षारीय होता है. सामान्य पानी का पीएच लेवल 6 और 7 के बीच होता है, जबकि अल्कलाइन वाटर का पीएच लेवल 7 से अधिक होता है, जिसका मतलब है कि यह पानी सामान्य पानी से अधिक क्षारीय होता है.”
इसके बाद इसके फायदे बताते हुए डॉक्टर अमित कहते हैं, “अल्केलाइन वाटर विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जिन्हें कुछ खास स्वास्थ्य समस्याएं हैं. उदाहरण के तौर पर, पेट में एसिडिटी के कारण बनने वाले पेप्सिन एंजाइम की गतिविधि को कम करने में अल्कलाइन मिनरल वाटर मददगार साबित हो सकता है. अगर अल्कलाइन वाटर का पीएच 8.8 होता है, तो यह इस एंजाइम के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है.”
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पीएसएम/जीकेटी