मथुरा में होली को लेकर हमारी तैयारी दुरुस्त, अफवाहों पर न दें ध्यान : डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय

मथुरा, 5 मार्च . रंगों के त्योहार होली को लेकर पूरे देश में धूम है. लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में मनाए जाने वाली लट्ठमार होली का अपना एक अलग महत्व है. इसे लोग बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं. कृष्णनगरी में रंग में भंग न पड़े इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है.

इस बारे में डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय ने मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि होली के मौके पर कोई भी असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग न करें. इसके लिए सोशल मीडिया पर पूरी निगरानी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हम लोगों से भी अपील कर रहे हैं कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें, क्योंकि ऐसे मौकों पर देखा गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों से जुड़े लोग अफवाहों को ज्यादा प्रचारित करते हैं.

उन्होंने कहा कि होली से संबंधित सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हों, इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसके अलावा, हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो श्रद्धालु बाहर से आ रहे हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.

उन्होंने आगे कहा कि होली को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं. चाहे वह रूट से संबंधित हो, पार्किंग से संबंधित हो, या डायवर्जन से संबंधित हो. हमारी यही कोशिश है कि होली के मौके पर किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत न हो.

इससे पहले उन्होंने चार मार्च को भी होली से संबंधित तैयारियों को लेकर मीडिया से बातचीत की थी.

उन्होंने बताया था कि अभी 7, 8 और 9 मार्च को बरसाने की और नंद गांव की लट्ठमार होली आयोजित होनी है. उसके बाद वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर की होली है. रंगभरी एकादशी के दिन परिक्रमा होगी. गोकुल और दाऊ जी में होली के कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसे देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि इस बार होली के पर्व में हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. पार्किंग के लिए क्यूआर कोड जारी कर रहे हैं, जिससे लोगों को पार्किंग स्थल पर जाने का डायरेक्शन मिलेगा. इसके अलावा सिविल पुलिस और पीएसी की विभिन्न जोन में आवश्यकता के मुताबिक व्यवस्था की गई है. सादे वर्दी में सूचना संकलन के लिए पुलिस वाले लगाए जा रहे हैं. अपराध नियंत्रण के लिए भी पुख्ता तैयारी है.

एसएचके/केआर