डीएमके ने कोयंबटूर सीट माकपा को आवंटित नहीं करने को लेकर सख्त रुख अपनाया

चेन्नई, 26 फरवरी . तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कोयंबटूर लोकसभा सीट फिर से आवंटित करने से इनकार कर दिया है, जो इस समय मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (माकपा) के पास है.

माकपा नेतृत्व के साथ दूसरे दौर की चर्चा के बाद डीएमके नेताओं ने कहा कि वे माकपा को कोयंबटूर सीट आवंटित करने के पक्ष में नहीं हैं.

डीएमके टीम का नेतृत्व वरिष्ठ नेता टी.आर. बालू इस बात पर अड़े हैं कि माकपा को मदुरै और एक अन्य सीट से संतुष्ट होना चाहिए, लेकिन कोयंबटूर से नहीं.

माकपा ने 2019 के चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में मदुरै और कोयंबटूर लोकसभा सीटें जीती थीं.

ने बताया था कि तमिल सुपरस्टार कमल हासन को कोयंबटूर या चेन्नई में डीएमके गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जाएगा. जबकि चेन्नई उत्तर, दक्षिण और मध्य सीटें डीएमके के पास हैं, कोयंबटूर सीट का प्रतिनिधित्व डीएमके द्वारा किया जाता है.

कमल हासन मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक अध्यक्ष हैं और डीएमके की तुलना में डीएमके के लिए बेहतर दांव हैं, जो जीत के लिए पूरी तरह से डीएमके पर निर्भर है.

कमल हासन ने अपनी पार्टी के लिए 2021 का विधानसभा चुनाव कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता वनथी श्रीनिवासन से 1,504 वोटों के अंतर से हार गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में कमल हासन की एमएनएम पार्टी के नेता डॉ. महेंद्रन को कुल पड़े वोटों में से 16 फीसदी वोट मिले थे और वह बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंचे थे.

माकपा और डीएमके के बीच तीसरे दौर की बैठक सोमवार को होने की संभावना है और सीट बंटवारे को सोमवार को ही अंतिम रूप दिया जा सकता है.

एसजीके/