चेन्नई, 7 जनवरी . तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि के खिलाफ डीएमके सड़क पर उतर आई है. पार्टी के संगठन सचिव आर.एस. भारती के नेतृत्व में 5,000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सैदापेट क्षेत्र में इस प्रदर्शन में भाग लिया. राज्यपाल रवि ने विधानसभा में राज्य सरकार के पारंपरिक संबोधन को पढ़ने से इनकार कर दिया था. इसे डीएमके ने अपने लोगों की उपेक्षा बताया है.
विरोध प्रदर्शन में डीएमके के प्रमुख नेता जैसे उप महासचिव कनिमोझी, सांसद दयानिधि मारन, राज्यसभा सांसद गिरिराजन और कनिमोझी सोमू ने भी हिस्सा लिया. पार्टी का आरोप है कि राज्यपाल रवि तमिलनाडु और तमिल थाई वाज़्थु (राज्य और उसकी संस्कृति) की अनदेखी कर रहे हैं और उनके कार्यों को राज्य और लोगों का अपमान कर रहे हैं.
बता दें कि छह जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले राष्ट्रगान की जगह राज्य का पारंपरिक गीत पढ़ा गया, जिस पर राज्यपाल आपत्ति जताते हुए विधानसभा से बाहर चले गए थे.
विधानसभा और संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राष्ट्रगान गाने की परंपरा रही है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से इस परंपरा को नजरअंदाज कर विधानसभा में राज्यगीत को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है, जिस पर अब राज्यपाल ने आपत्ति जताई.
इस संबंध में राज्यपाल ने कार्यालय ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर जानकारी दी. एक्स हैंडल पर कहा गया कि तमिलनाडु विधानसभा में आज एक बार फिर संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया. विधानसभा में राज्यपाल के आने पर केवल “तमिल थाई वाज़्थु” गाया गया, जबकि संविधान में राष्ट्रगान का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है.
एक्स पर आगे कहा गया कि राज्यपाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से राष्ट्रगान गाने का अनुरोध किया. लेकिन, उनके आग्रह को नजरअंदाज करते हुए राज्य सरकार ने राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. इस अपमानजनक घटना पर राज्यपाल ने नाराजगी जताते हुए सदन छोड़ दिया था.
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एसएचके/केआर