बेंगलुरु, 21 अक्टूबर . कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि लगभग 80 प्रतिशत कार्यकर्ता उपचुनाव के लिए चन्नपटना विधानसभा सीट से पूर्व सांसद और उनके छोटे भाई डी.के. सुरेश की उम्मीदवारी की मांग कर रहे हैं.
शिवकुमार ने दावा किया कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कर दिया है कि आलाकमान जिसे भी उम्मीदवार बनाए, उन्हें उसका समर्थन करना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री ने कहा ने कहा कि “हम अभी भी लोकसभा चुनाव में हार के सदमे से उबर नहीं पाए हैं, जहां सुरेश को भाजपा उम्मीदवार सी.एन. मंजूनाथ के हाथों दो लाख से अधिक वोटों से हार झेलनी पड़ी थी. सुरेश ने कड़ी मेहनत की, लेकिन फिर भी हम बड़े अंतर से हार गए. अगर हम कम अंतर से हारते, तो हम अपना प्रदर्शन बेहतर कर सकते थे. हम लोकसभा में बुरी तरह हारे.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम यह सोचने लगे कि जेडी-एस कमजोर है, तो हम सबसे बड़े मूर्ख होंगे.
उन्होंने कहा, “हमने मंत्रियों से चर्चा की है और उनकी राय ली है. चुनाव समिति की बैठक की बजाय हमने चुनाव प्रभारियों से चर्चा की है. पार्टी के उम्मीदवारों पर फैसला हो चुका है. हम प्रस्ताव दिल्ली को सौंपेंगे और वे अंतिम फैसला लेंगे.”
केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी के इस आरोप पर कि कांग्रेस नेता भाजपा एमएलसी और चन्नपटना से टिकट के दावेदार सी.पी. योगेश्वर के संपर्क में हैं, उन्होंने कहा, “मैंने योगेश्वर से न तो मुलाकात की है और न ही उनसे बात की है. हमारे बीच कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई है.”
उन्होंने कहा कि योगेश्वर विधान परिषद के सदस्य हैं और चन्नपटना से विधायक का पद रिक्त होने के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठित करने का काम कर रही है.
भाजपा और जेडी-एस के बीच कथित दरार पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उनके बीच किसी भी संघर्ष की जानकारी नहीं है और मीडिया ने इस बारे में कुछ भी नहीं बताया है.
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया, “चन्नापटना स्वाभाविक रूप से जेडी-एस का गढ़ है. कुमारस्वामी यहां से मौजूदा सांसद हैं. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वह इस क्षेत्र को भाजपा को सौंप रहे हैं. अगर वह इस क्षेत्र को छोड़ देते हैं, तो इससे पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.”
–
एससीएच/एकेजे