दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी : डॉ. राजेश ओझा

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर . आचार्य डॉ. राजेश ओझा ने शनिवार को से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने दीपावली के पर्व को लेकर दो महत्वपूर्ण तिथियों की व्याख्या की. इसके अलावा, उन्होंने मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से दिए गए “बंटोगे तो कटोगे” वाले बयान और साधु-संतों द्वारा सरकार से की गई सनातन बोर्ड की स्थापना की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.

दीपावली की दो तिथियों के बारे में सवाल किए जाने पर आचार्य ओझा ने बताया कि शास्त्रों में दीपावली का पर्व विभिन्न तिथियों पर मनाने की परंपरा है. इस साल अमावस्या 31 अक्टूबर को अपराह्न 3:52 बजे प्रवेश कर रही है, जो रात में उपासना का समय है. इस अवसर पर प्रदोष काल में लक्ष्मी की पूजा, आधी रात को काली की पूजा और प्रातः काल में मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इसलिए, इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि शास्त्रों की बातों का सम्मान करना आवश्यक है, क्योंकि बिना ज्ञान के कोई निर्णय लेना संभव नहीं होता.

मथुरा में आरएसएस द्वारा दिए गए “बंटोगे तो कटोगे” वाले बयान पर आचार्य ओझा ने स्पष्ट रूप से कहा कि मेरा मानना है कि हिंदू कभी बंटते नहीं हैं. हिंदू हमेशा एकता में विश्वास रखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हर व्यक्ति के अपने-अपने विचार होते हैं, लेकिन जब आवश्यकता होती है, तब हम एकजुट होते हैं. राष्ट्र की भलाई के लिए यह आवश्यक है कि हम सब एकजुट रहें. उन्होंने आगे कहा कि कोई भी हिंदू न बंट रहा है और न ही कट रहा है, और संपूर्ण सनातन धर्म हमेशा एक रहेगा.

साधु-संतों द्वारा सनातन बोर्ड की स्थापना की मांग पर उन्होंने कहा कि यह हमारी मांग है, और यह हमारा अधिकार है कि हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाएं. उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के धार्मिक बोर्डों की आवश्यकता है, ताकि सनातन संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण किया जा सके.

पीएसके/एकेजे