गाजियाबाद, 26 अक्टूबर . इस साल दीपावली कब मनाई जाएगी, इसे लेकर अभी भी सभी असमंजस में हैं. अब तक लोग यह तय नहीं कर पाए हैं कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 1 नवंबर को. आध्यात्मिक गुरु पवन सिंह ने शनिवार को इस उलझन को लेकर अपना मत स्पष्ट किया.
पवन सिंह ने से कहा, “इस बार लोग इस बात को लेकर काफी असमंजस में हैं कि दीपावली किस दिन मनाएं. आम तौर पर दीपावली अमावस्या को मनाई जाती है. अमावस्या 31 तारीख को अपराह्न 3:30 के आसपास पड़ेगी, लेकिन उस दिन सूर्योदय की तिथि अमावस्या में नहीं है. अगले दिन 1 नवंबर को शाम करीब 6:15 बजे तक अमावस्या है.
उन्होंने कहा कहा इस बार कुछ लोग 31 अक्टूबर तो कुछ 1 नवंबर को दीपावली मनाएंगे. प्रदोष पूजा का बहुत महत्व है. सूर्योदय के साथ जो पूजा तिथि पड़ रही है, वह 1 नवंबर को है. मेरा सुझाव है कि इस बार दीपावली 1 नवंबर को मनाएं. शुभ मुहूर्त आते ही पूजा करें. लग्न में दीपावली पूजा करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा. इसकी बजाय उदया तिथि अमावस्या से मेल नहीं खाती है तो आप जो चाहें करें, भगवान कभी नाराज नहीं होते. लेकिन त्यौहार का बहुत महत्व है और दीपावली के दिन का बहुत महत्व है. इसे मुहूर्त के अनुसार मनाना चाहिए. उदया तिथि 1 नवंबर को है. इसलिए दिवाली 1 नवंबर को मनाई जानी चाहिए.
धनतेरस, छोटी दिवाली, गोवर्धन और भाई दूज की तिथि बारे में बता दें. दीपावली का त्योहार धनतेरस के दिन से ही शुरू हो जाता है. इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन सोना-चांदी खरीदने के अलावा घर के लिए झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है. इसके अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी. दीपावली के बाद 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी और अगले दिन यानी 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि दीपावली का त्यौहार पहली बार तब मनाया गया था जब भगवान राम रावण को हराकर अयोध्या लौटे थे. उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या थी और नगर के लोगों ने घी के दीये जलाकर अपने प्रभु श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाया था.
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आरके/एकेजे