मुरादाबाद, 6 जुलाई . उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट्स पर ढाबों और रेस्टोरेंट मालिकों की पहचान सार्वजनिक करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा ने यूपी Government पर निशाना साधा है.
कांवड़ रूट्स की गाइडलाइन को लेकर Samajwadi Party से सांसद रुचि वीरा ने Sunday को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जहां तक कांवड़ का सवाल है तो हमारी पार्टी पिछली बार भी कोर्ट गई थी. ये लोकतांत्रिक देश है, यहां भारतीय संविधान को माना जाता है. यहां किसी की पहचान को ऐसे एक्सपोज करने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी धर्म या मजहब का हो, किसी भी तरह का कारोबार कर सकता है. चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, दलित हो या किसी भी धर्म से जुड़ा हो, वो कोई भी दुकान या कारोबार कर सकता है. ये उस पर निर्भर करता है, जो खरीदार है. वो क्या खरीदे, क्या खाए, क्या न खाए? पहचान उजागर करने के नाम पर लोगों को अलग करना, बांटना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि जहां तक नाम छिपाकर कारोबार करने वाली बात है, तो नाम छिपाने की जरूरत नहीं है. हम इस देश के नागरिक हैं. हमारे माता-पिता ने हमारा नाम रखा है, जिसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं है. फक्र के साथ अपना नाम बताएं, लेकिन जहां तक कारोबार का सिलसिला है तो कोई भी इंसान कोई भी कारोबार कर सकता है, कुछ भी बेच और खरीद सकता है.
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी उदयपुर फाइल्स फिल्म को लेकर सपा की सांसद रुचि वीरा ने कहा कि कोई भी ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड पास न करें, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द में कमी आए. मैंने अभी फिल्म नहीं देखी है. अगर फिल्म में ऐसा अंदेशा है कि लोगों में उन्माद हो सकता है, उनकी भावना आहत हो सकती है तो ऐसा कुछ न हो, क्योंकि घटनाएं तो तरह-तरह की होती ही रहती हैं. उन सबको एक फिल्म के रूप में प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है.
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डीकेपी/डीएससी