भारत में डाइवर्सिटी हायरिंग 33 प्रतिशत बढ़ी, फाइनेंस और आईटी क्षेत्र रहे सबसे आगे

नई दिल्ली, 10 जुलाई . भारत में डायवर्सिटी हायरिंग में सालाना आधार पर जून में 33 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है. इसमें फाइनेंस सर्विसेज और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) और आईटी-सॉफ्टवेयर सर्विसेज सेक्टर सबसे आगे रहे हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा भर्तियां देखी गई है, जो दिखाता है कि कंपनियों में भर्ती को लेकर सकारात्मक रुझान बना हुआ है. डाइवर्सिटी हायरिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें कंपनी भर्ती के दौरान व्यक्ति को केवल उसके स्किल और काम के आधार पर बिना किसी पूर्वाग्रह के नौकरी देती है.

टैलेंट प्लेटफॉर्म फाउंडइट की रिपोर्ट में बताया गया कि जून 2024 में कुल भर्तियों में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं, मासिक आधार पर यह बढ़त 2 प्रतिशत थी. रिपोर्ट में 2024 के आउटलुक को सकारात्मक बताते हुए कहा गया कि पिछले छह महीने में भर्तियों में 15 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है.

फाउंडइट (पूर्व मॉन्स्टर) के सीईओ शेखर गरिसा ने कहा कि डाइवर्सिटी हायरिंग में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विविधता और समावेशन (डी एंड आई) नीतियां आज भारत के कार्यबल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. हम उम्मीद करते हैं कि कंपनियां लीडरशिप और मेंटरशिप प्रोग्राम के तहत पूर्वाग्रह ट्रेनिंग और कम प्रतिनिधित्व वाले ग्रुप पर फोकस करेंगी. भारतीय कंपनियों ने विविधता वाले ग्रुप जैसे महिला, एलजीबीटीक्यूआईए+ और दिव्यांग उम्मीदवारों को काम पर रखने पर जोर दिया है.

डाइवर्सिटी हायरिंग करने में बीएफएसआई और आईटी कंपनियों ने काफी जोर दिया है. कुल जॉब पोस्टिंग में इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 30 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की रही है. रिपोर्ट में बताया गया कि डाइवर्सिटी हायरिंग के तहत कंपनियां महिला नेतृत्व पर भी फोकस कर रही हैं. अन्य शहरों, जिसमें पुणे, हैदराबाद और चेन्नई का नाम शामिल हैं, वहां कमजोर वर्ग के लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.

एबीएस/एबीएम