लखनऊ, 25 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब राज्य में जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एसीआर) में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) वृद्धि को भी शामिल किया जाएगा.
इस पहल के साथ उत्तर प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य ने एक बार फिर साबित किया है कि वह शासन में अभिनव नीतियों को लागू करने में अग्रणी है. सोमवार को वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए 1 अप्रैल 2024 तक के जनपदवार सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) को सभी 75 जनपदों के जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों को शासनादेश के माध्यम से जारी किया गया. यह आंकड़े राज्य स्तरीय बैंकर समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं.
जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों के प्रदर्शन का आकलन उनके जिलों में क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात में की गई प्रगति के आधार पर किया जाएगा. इसका उद्देश्य जिलों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना, निवेश बढ़ाना और बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करना है.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में निवेश आकर्षण और सीडी रेश्यो वृद्धि के साथ-साथ निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किए जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा. यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं.
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने जिलों में निवेश को मापने और बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को प्राथमिकता दी है. यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी, बल्कि सरकारी अधिकारियों के कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी.
सरकार का यह कदम राज्य के समग्र विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात बैंकों द्वारा जिलों में दिए गए ऋण और उनके द्वारा जमा की गई धनराशि का अनुपात है. यह आर्थिक गतिविधियों के स्तर और वित्तीय संसाधनों के उपयोग का एक प्रमुख संकेतक है.
मुख्य सचिव के अनुसार, राज्य सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है. इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है.
योगी सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाओं एवं निवेश-अनुकूल सुरक्षित वातावरण के कारण वैश्विक स्तर की कंपनियां निवेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश को एक आधार के रूप में देख रही हैं. वैश्विक निवेश उपक्रम और सामर्थ्यपूर्ण प्रयास उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे.
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एसके/एबीएम