उद्धव को ‘नकली संतान’ कहने पर बीजेपी व एसएस (यूबीटी) के बीच तकरार, महायुति सहयोगी भी नाराज

पुणे (महाराष्ट्र), 10 मई . चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कथित तौर पर दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का ‘नकली संतान’ कहे जाने पर शिवसेना(यूबीटी) व भाजपा के बीच विवाद हो गया है. महायुति की सहयोगी प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) ने भी पीएम मोदी के बयान पर नाराजगी जताई है.

गुरुवार को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, पीएम मोदी ने कथित तौर पर उद्धव ठाकरे की ओर इशारा करते हुए उन्हें बालासाहेब ठाकरे का ‘नकली संतान (नकली बच्चा)’ कहा और शिवसेना (यूबीटी) को ‘नकली पार्टी’ कहते हुए अपने पहले के बयानों को दोहराया.

पीएम के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पीजेपी अध्यक्ष ओमप्रकाश बाबाराव कडू उर्फ बच्चू कडू ने शुक्रवार को कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था, चुनाव प्रचार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. यह ग्राम पंचायत स्तर के चुनाव अभियान की तरह हो गया है. यदि प्रधानमंत्री ने वास्तव में ऐसा कहा है, तो यह सही नहीं है.”

पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा शिवसेना (यूबीटी) को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित मूल शिवसेना की नकल बताने वाले बयानों का जिक्र करते हुए कडू ने कहा,“केवल वोट हासिल करने के लिए प्रचार के दौरान परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को इसमें घसीटना उचित नहीं है.

हालांकि, महायुति के एक अन्य सहयोगी और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि पीएम कभी भी बालासाहेब ठाकरे का अनादर करने वाला बयान नहीं दे सकते.

पीएम मोदी के बयान पर नाराजगी जताते हुए एसएस (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कोई बालासाहेब ठाकरे के बच्चों को “नकली” कह रहा है, तो वह सीधे तौर पर महाराष्ट्र के लोगों का अपमान कर रहा, लोग उन्हें सबक सिखाएंगे.”

गुरुवार देर रात उद्धव ठाकरे ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया और पलटवार करते हुए कहा, ”मोदी हमें ‘नकली संतान’ कहते हैं, लेकिन वह ‘बे-अकली’ (दिमागहीन) हैं. यह सीधे तौर पर मेरे पूज्य माता-पिता बालासाहेब ठाकरे और मीना ठाकरे का अपमान है. राज्य के लोग तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक वे भाजपा को इसका उचित जवाब नहीं दे देते.”

एसएस (यूबीटी) के तीखे जवाब के बाद, फड़नवीस ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि “यह वह ठाकरे हैं, जो पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और उन्हें तत्काल उपचार की आवश्यकता है.”

/