मुंबई, 27 मार्च . दिवंगत बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की आत्महत्या के मामले में उनके पिता सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने घटना के सीन को रीक्रिएट करने और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे तथा अन्य आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है. ओझा की यह मांग संयुक्त पुलिस आयुक्त लक्ष्मी गौतम के साथ बैठक के बाद आई. बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा की जून 2020 में मलाड इलाके में एक रिहायशी इमारत की 14वीं मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी.
वकील नीलेश ओझा ने से बात करते हुए कहा, “हमने संयुक्त पुलिस आयुक्त लक्ष्मी गौतम से मुलाकात कर तीन प्रमुख मांगें कीं. पहली, हमारी शिकायत को मंत्री और सरकार ने आधिकारिक तौर पर दर्ज कर लिया है. सरकार ने पुष्टि की है कि शिकायत को विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया जाएगा. हालांकि, यह सामूहिक बलात्कार और हत्या की शिकायत है, ऐसे में इसे क्राइम नंबर देना जरूरी है. यह एक तकनीकी विषय है.”
उनकी दूसरी मांग इस मामले में शामिल सभी लोगों, खासकर गवाहों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने की है क्योंकि पहले ही इस केस से जुड़े करीब 10 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है – किसी का एक्सीडेंट हुआ तो किसी ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि गवाहों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे.
तीसरी मांग घटना के सीन को रीक्रिएट करने की है. नीलेश ओझा ने कहा, “एसआईटी ने कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं किया है. इसने न तो परिवार को कोई नोटिस दिया, न ही कोई ‘सीन रिक्रिएशन’ किया, जिससे आगे बताई जा रही कहानी को चुनौती दी जा सके. हम इस सीन रिक्रिएशन के लिए निर्देश चाहते हैं.”
वकील ने मामले में प्रमुख आरोपियों के नार्को टेस्ट की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान ने अनुरोध किया है कि आदित्य ठाकरे सहित आरोपियों के नार्को टेस्ट कराए जाएं. यह उन पर निर्भर करता है कि वे इससे सहमत हैं या नहीं.”
ओझा ने आरोप लगाया कि ऐसे प्रत्यक्षदर्शी थे जिन्होंने आदित्य पंचोली, डिनो मोरिया और आदित्य ठाकरे जैसे प्रमुख लोगों को उनके बॉडीगार्ड के साथ सेलिब्रिटी मैनेजर के कथित सामूहिक बलात्कार में शामिल देखा था. उन्होंने कहा, “हमारे पास पांच प्रत्यक्षदर्शी हैं जो अदालत में गवाही देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी जान को खतरा है और पुलिस को उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए.”
वकील ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर भी उंगली उठाई और उन पर मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “परमबीर सिंह ने घटना को छिपाने की कोशिश की. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दावा किया कि आदित्य ठाकरे घटनास्थल पर नहीं थे और उन्होंने यहां तक कहा कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखी है. हालांकि, मैं यह बताना चाहता हूं कि आदित्य ठाकरे, आदित्य पंचोली और डिनो मोरिया के मोबाइल टावर लोकेशन से पता चलता है कि वे वास्तव में उस स्थान पर थे. परमबीर सिंह के बयान पूरी तरह से झूठे हैं.”
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एससीएच/एकेजे