नई दिल्ली, 20 दिसंबर . अमेरिका और भारत अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं. इसमें ह्युमन स्पेस फ्लाइट और जॉइंट स्पेस एक्सप्लोरेशन शामिल हैं. उम्मीद है कि देश बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की अंतरिक्ष कंपनियों के बीच वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाएंगे.
व्हाइट हाउस ने एक प्रेस बयान में कहा, “जून 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंचने” के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई और भारत द्वारा ‘आर्टेमिस समझौते’ पर हस्ताक्षर करने के बाद, दोनों देश नागरिक, सुरक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष क्षेत्रों में सहयोग पर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए.”
सहयोग में इस महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित करने के लिए, अमेरिकी प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (पीडीएनएसए) जॉन फाइनर, उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने हाल ही में टेक्सास के ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर की यात्रा की.
बयान में कहा गया कि ह्यूस्टन की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, पीडीएनएसए फाइनर और उप सचिव कैंपबेल ने नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रतिनिधियों और अंतरिक्ष उद्योग के नेताओं से मुलाकात की, ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ती अंतरिक्ष साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए अवसरों की पहचान की जा सके.
क्वात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कर्ट कैंपबेल और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर के साथ नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर का दौरा करना अद्भुत था.
स्पेस कोऑपरेशन पर चर्चा करने का अवसर मिला, जिसमें कि ह्युमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम और इनोवेशन-टेक्नोलॉजी प्राइवेट सेक्टर के बीच साझेदारी बढ़ाने पर ध्यान दिया गया.”
उन्होंने जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे इसरो के दो अंतरिक्ष यात्रियों का जिक्र करते हुए कहा, “ह्यूस्टन में प्रशिक्षण ले रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर भी खुशी हुई.”
व्हाइट हाउस ने कहा, “वसंत 2025 में एक्सिओम-4 मिशन का लॉन्च अमेरिका-भारत अंतरिक्ष साझेदारी और स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.”
बैठक में अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में की गई उपलब्धियों पर विचार किया और साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए अगले कदमों की रूपरेखा भी तैयार की.
भारत और अमेरिका मिलकर 2025 की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एनआईएसएआर) लॉन्च करने के लिए तैयार हैं.
विशेषज्ञों ने अमेरिका और भारतीय स्टार्टअप के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक नए स्पेस इनोवेशन ब्रिज के क्रिएशन का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की.
यह “अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता, सेटेलाइट टेक्नोलॉजी और स्पेस लॉन्च और एक्सप्लोरेशन को आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगा”.
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एसकेटी/