डीडीए, एमसीडी व दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में विसंगति : दृष्टि आईएएस कोचिंग 

नई दिल्ली, 30 जुलाई . दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग संस्थान की लाइब्रेरी में हुई तीन छात्रों की मौत ने सभी को झकझोर दिया. अब प्रशासन अवैध तरीके से चल रही कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई कर रहा है. 

मुखर्जी नगर इलाके में स्थित दृष्टि आईएएस के बेसमेंट में संचालित कोचिंग संस्थान को भी सीज कर दिया गया. इस मामले पर संस्थान का पक्ष सामने आया है.

दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. इसमें उन्होंने लिखा, ”हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की. हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें. इस देरी के लिये हम हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं. शनिवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें तीन विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय और दर्दनाक मृत्यु हुई, इस पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.”

”हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें. इन बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है, किंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं. यदि हम किसी भी तरह उनके लिए कुछ कर सकेंगे, तो कृतज्ञता महसूस करेंगे.”

दृष्टि की तरफ से कोचिंग संस्थानों के लिये निश्चित दिशा निर्देश लागू करने का भी आग्रह किया गया है. विज्ञप्ति में लिखा गया कि ”इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है. बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थानों के लिये निश्चित दिशा निर्देश लागू करे. इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं.”

दृष्टि कोचिंग की तरफ से कहा गया कि ”संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं. इसके कई पक्ष हैं, जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं. डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है.”

कोचिंग ने आगे लिखा कि ‘दिल्ली मास्टर प्लान-2021’, ‘नेशनल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’ और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है. ‘दिल्ली मास्टर प्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं. आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा.

दृष्टि आईएएस ने छात्रों की सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहने का भरोसा भी दिलाया है. उन्होंने लिखा कि ”हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है.वर्तमान में हमारे मैनेजमेंट में ‘फायर एंड सेफ्टी ऑफिसर’ का विशेष पद है, इस पर कार्यरत अधिकारी नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं. वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं.”

एसएम/