पटना, 13 जुलाई . बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं.
इसी बीच, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सीट बंटवारे और बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बड़ा बयान दिया है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि समन्वय समिति का गठन हो चुका है, जो चुनाव से जुड़े सभी कार्यों को गति दे रही है. हमें उम्मीद है कि सीट बंटवारे की तस्वीर जल्द साफ हो जाएगी. अभी हमारा मुख्य ध्यान ‘वोटबंदी’ के मुद्दे पर है, जिसका हम पुरजोर विरोध कर रहे हैं. बिहार की जनता का वोट का अधिकार किसी भी कीमत पर छीना नहीं जाना चाहिए.
बिहार में कानून-व्यवस्था की समस्या पर दीपांकर भट्टाचार्य ने राज्य की डबल इंजन सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “सरकार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह विफल रही है. यह सरकार अपराधियों के लिए, अपराधियों द्वारा और अपराधियों की सरकार बन चुकी है. अपराधियों को सजा नहीं मिलती, जिसके कारण वे बेखौफ हैं और जनता त्रस्त है.”
उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी और महागठबंधन की सरकार सत्ता में आएगी.
वहीं, बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा दी गई मतदाता सूची से संबंधित रिपोर्ट पर दीपांकर भट्टाचार्य ने गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीएलओ पर अत्यधिक कार्यभार है और जनता परेशान है. हमें इस रिपोर्ट पर संदेह है. अचानक यह दावा कि बिहार के गांवों में म्यांमार और बांग्लादेश से लोग आ गए हैं, पूरी तरह फर्जी है. यह जनता को गुमराह करने की साजिश है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि 2024 की मतदाता सूची के आधार पर ही चुनाव होना चाहिए, जिसके आधार पर Lok Sabha चुनाव हुए. अब अचानक बिहार के मतदाता म्यांमार और बांग्लादेश के कैसे हो गए?
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एकेएस/एबीएम