New Delhi, 24 जुलाई . समाजवादी पार्टी की Lok Sabha सांसद डिंपल यादव एक मस्जिद के अंदर राजनीतिक बैठक में शामिल होने के कारण विवादों में आ गई हैं. इसकी आलोचना अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने की है.
मौलाना रजवी ने से कहा, “डिंपल यादव को अपने कपड़ों और मस्जिद की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए था. बिना दुपट्टे के उनका आना मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाता है. मस्जिद पूजा और इबादत के लिए एक पवित्र जगह है, राजनीति के लिए नहीं. डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को इसकी माफी मांगनी चाहिए.”
इस घटना को “शर्मनाक” बताते हुए मौलाना रजवी ने बैठक आयोजित करने वाले सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि मस्जिद को राजनीतिक जगह बनाने के लिए उन्हें समुदाय से माफी मांगनी चाहिए.
मौलाना रजवी ने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर सनातन धर्म का लगातार अपमान करने का आरोप लगाया. कहा, “सपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार रामचरितमानस की एक प्रति जलाई थी. हम में से कई लोगों ने, जिनमें मैं भी हूं, उन्हें पार्टी से हटाने की मांग की थी, लेकिन अखिलेश यादव ने मना कर दिया था.”
उन्होंने बताया कि बाद में मौर्य ने सपा छोड़ दी और एक साल बाद अपनी नई पार्टी बना ली. रजवी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार ऐसे बयान देते हैं जिनसे दूसरे धार्मिक समुदायों की भावनाएं आहत होती हैं. इसलिए उनकी राजनीतिक भागीदारी सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा है.
मस्जिद के अंदर हुई कथित राजनीतिक बैठक ने विवाद खड़ा कर दिया है. भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. हालांकि, समाजवादी पार्टी ने इन आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है. अखिलेश यादव और डिंपल यादव दोनों ने राजनीतिक बैठक होने के दावे को नकारा है और इसे राष्ट्रीय मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश बताया है.
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एसएचके/केआर