‘आप’ के कैंपेन सॉन्ग को बैन करने पर दिलीप पांडे ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 6 मई . आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग को इलेक्शन कमीशन से बैन किए जाने पर फिर से सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने सवाल उठाए. दिलीप पांडे का कहना है कि 27 अप्रैल को चुनाव आयोग ने बाकायदा एक पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के थीम सॉन्ग पर बैन लगाया और उस पर कई पॉइंट्स भी दिए हैं.

दिलीप पांडे ने भारत चुनाव आयोग के ऑब्जेक्शंस को बेसिर पैर का बताया है. उन्होंने कहा कि इन ऑब्जेक्शंस ने भारत चुनाव आयोग की निष्पक्षता को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.

उन्होंने कहा है कि इस गाने में जो शब्द हैं, मुखड़े में जो शब्द हैं, अंतरे में जो शब्द हैं, चुनाव आयोग अपने संकुचित विश्लेषण शक्ति से बीजेपी से जोड़कर देख रहा है.

चुनाव आयोग कहता है कि आप जो कह रहे हैं कि जेल का जवाब वोट से देंगे, वह ठीक नहीं है.

चुनाव आयोग ने अपने भेजे पत्र में कहा है कि यह न्याय प्रणाली पर प्रहार जैसा है. इसमें न्यायपालिका पर प्रहार जैसा कुछ नहीं है. जब हम लोकतांत्रिक देश में वोट जैसी ताकत से जवाब देना चाहते हैं तो चुनाव आयोग उसमें बीच में न्यायपालिका को लेकर आ रहा है.

उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने चोट पर, गुंडागर्दी जैसे शब्द पर आपत्ति जताई है. लेकिन उसके भावार्थ को नहीं समझा है. इलेक्शन कमीशन और उनके ब्रांड एंबेसडर खुद ही कैंपेन करते हैं कि सच्चा चुनिए, अच्छा चुनिए, लेकिन वोट जरूर दीजिए. हम भी यही कर रहे हैं. जनता से अपील कर रहे हैं कि वोट जरूर करें और गुंडागर्दी के खिलाफ करें, जिस पर इलेक्शन कमीशन अपनी आपत्ति जता रहा है.

दिलीप पांडे ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने 30 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन के सभी ऑब्जेक्शंस के लिए एक पत्र लिखा है और एक भी ऑब्जेक्शन को एक्सेप्ट नहीं किया गया है. उसका हमने जवाब दिया है. हमने अपने कैंपेन सॉन्ग के किसी भी शब्द को चेंज नहीं किया. हमने इलेक्शन कमीशन की तानाशाही के आगे घुटने नहीं टेके. हम अपने थीम सॉन्ग को लेकर जनता के बीच गए हैं और सच की जीत हुई है.

पीकेटी/