Bhopal , 18 अक्टूबर . राज्यसभा सांसद एवं Madhya Pradesh के पूर्व Chief Minister दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की खरीफ फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की मांग की है. पूर्व Chief Minister सिंह ने कहा कि मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और धान के प्रति Government का रवैया उदासीन है. किसानों को उनकी मेहनत की उचित कीमत नहीं मिल रही है और Government एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद की जिम्मेदारी से बच रही है.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में सोयाबीन का रकबा घटा है, क्योंकि उच्च गुणवत्ता की किस्में (वैरायटीज) उपलब्ध नहीं हो रहीं और नकली बीज-खाद के कारण उत्पादन निरंतर घटता जा रहा है. सोयाबीन की कीमत आज भी 4,000 प्रति क्विंटल के आसपास है, जो दस साल पहले जितनी थी, यानी किसानों की आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सोयाबीन की तुलना में अब मक्का और मूंगफली की खेती में वृद्धि हुई है, लेकिन इन फसलों की स्थिति भी दयनीय है. मक्का आज बाजार में 1,200 से 1,400 प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि इसकी एमएसपी 2,400 है. सीएसीपी के अनुसार इसकी लागत 1,508 आती है, यानी किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
इसी प्रकार उन्होंने बताया कि मूंगफली का बाजार भाव 3,000 से 3,500 प्रति क्विंटल है, जबकि इसकी एमएसपी 7,263 और लागत 4,842 है. मूंगफली और मक्का दोनों में ही किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा, और Government मूकदर्शक बनी हुई है.
पूर्व Chief Minister सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश की मंडियों में मक्का आने लगी है, परंतु एमएसपी पर खरीद के आदेश अब तक जारी नहीं हुए. उन्होंने कहा कि Chief Minister इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करते और देश के कृषि मंत्री जो Madhya Pradesh से ही हैं मौन साधे बैठे हैं, जबकि उनके अपने क्षेत्र में मक्का की खेती सबसे अधिक बढ़ी है.
पूर्व Chief Minister ने यह भी कहा कि सोयाबीन की खरीद भी एमएसपी पर नहीं हो रही, और Government भावांतर योजना लागू करने की बात कर रही है, जो पहले भी पूर्णतः असफल रही थी. किसान इस योजना से असंतुष्ट हैं. उन्हें नकद और समय पर मूल्य चाहिए, कागजी योजनाएं नहीं. पूर्व Chief Minister ने किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा पूरे प्रदेश का किसान आज परेशान और दुखी है. उसकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऐसे में Government का दायित्व है कि मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और धान सभी खरीफ फसलों की एमएसपी पर तत्काल खरीद प्रारंभ की जाए.
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एसएनपी/डीकेपी