प्रयागराज, 4 नवंबर . महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता को लेकर अब गूगल भी प्रभावित नजर आ रहा है. यही कारण है कि पहली बार अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए गूगल ने नेविगेशन के लिए किसी अस्थायी शहर (महाकुंभ मेला क्षेत्र) को इंटीग्रेट करने का निर्णय लिया है.
गूगल और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच इसको लेकर बाकायदा एक एमओयू भी हुआ है. इस एमओयू के तहत गूगल महाकुंभ के लिए स्पेशल नेविगेशन तैयार करेगा, जिसकी मदद से श्रद्धालु यहां स्थित समस्त स्थलों, अखाड़ों और यहां तक कि साधु-संतों की लोकेशन को ट्रैक कर सकेंगे. इस स्पेशल नेविगेशन के नवंबर अंत या दिसंबर की शुरुआत में प्रारंभ होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि सनातन आस्था के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को लेकर भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में कौतूहल है. हर कोई इस महा समागम में शामिल होने के लिए बेताब है.
सरल शब्दों में कहें तो किसी स्थान पर ले जाने वाले रास्ते की विस्तृत जानकारी को कंप्यूटर या मोबाइल की भाषा में नेविगेशन या मार्गदर्शन कहा जाता है. पुराने समय में लोग कागजी नक्शे या लोगों से पूछकर गंतव्य की ओर जाते थे, लेकिन आधुनिक दौर में गूगल नेविगेशन के माध्यम से यह काम अत्यंत आसान हो गया है. यह आपको न केवल स्थान का पूरा नक्शा दिखाते हैं, बल्कि कब कहां मुड़ना है, इसकी भी विस्तृत जानकारी देते हैं.
गूगल सामान्य तौर पर पूरी दुनिया में बसे शहरों का नेविगेशन देता है, लेकिन पहली बार उसने किसी अस्थायी शहर के लिए यह सुविधा प्रदान करने पर सहमति दी है. इसमें वह यहां की प्रमुख सड़कों, धार्मिक स्थलों, घाटों, अखाड़ों समेत प्रमुख संतों के स्थलों की जानकारी प्रदान करेगा.
अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों का समागम होता है, लेकिन गूगल ने आज तक किसी अस्थायी कार्यक्रम के लिए नेविगेशन की अनुमति नहीं दी है. यह पहली बार है कि गूगल ने महाकुंभ की भव्यता और यहां जुटने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए अपनी पॉलिसी बदलते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपने नेविगेशन मैप में इंटीग्रेट किया है.
गूगल और मेला प्राधिकरण के बीच हुए इस समझौते से प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आने वाले करीब 45 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी श्रद्धालुओं को इस तकनीक का फायदा मिलेगा और वह आसानी से अपने गंतव्यों तक पहुंच सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाआयोजन में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया है. मेला प्राधिकरण की यह पहल उनकी मंशा के अनुरूप है. इसके माध्यम से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी.
अपने मोबाइल पर गूगल मैप के माध्यम से वो अपने गंतव्य का पूरा नेविगेशन प्राप्त कर सकेंगे और उसके मार्गदर्शन में आसानी से लक्ष्य पर पहुंच पाएंगे.
यदि किसी श्रद्धालु को संगम तट पर जाना है, किसी खास अखाड़े का पता लगाना है, किसी मंदिर में शीश नवाना है तो उसे किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं होगी. अपने मोबाइल पर गूगल नेविगेशन के जरिए वह आसानी से इसका पता लगा सकेंगे. नेविगेशन के प्रयोग से किसी संत विशेष तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा.
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एबीएम/