‘डिजिटल इंडिया’ दुनिया के लिए मिसाल- भारत के मुरीद नोबेल विजेता अर्थशास्त्री

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर, . भारत आए नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल माइकल रोमर ने देश की ‘डिजिटल क्रांति’ की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि देश में ‘डिजिटल क्रांति’ ने लोगों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की है.

प्रोफेसर रोमर ने भारत के हर कोने में ‘डिजिटल क्रांति’ को आगे बढ़ाने में सरकार की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ‘डिजिटल क्रांति’ की कहानी बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गई है.

‘डिजिटल इंडिया’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया था. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ना और डिजिटल साक्षरता में सुधार करना था.

यह तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है – प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगिता के रूप में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंस एंड सर्विस ऑन डिमांड और नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण.

पॉल माइकल रोमर एक अमेरिकी अर्थशास्त्री और नीति उद्यमी हैं, जो बोस्टन कॉलेज में अर्थशास्त्र के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं. उन्हें विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता है. वह अक्टूबर 2016 में विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री बने. उन्होंने 24 जनवरी 2018 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

रोमर को आर्थिक विज्ञान में 2018 नोबेल मेमोरियल पुरस्कार (विलियम नॉर्डहॉस के साथ साझा) से नवाजा गया.

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