कांग्रेस पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे में अंतर, राहुल गांधी की दलित विरोध सोच उजागर : लाल सिंह आर्य

नई दिल्ली,18 अक्टूबर . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को वाल्मीकि जयंती के अवसर पर दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसको लेकर सियासत गरमा गई है.

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कांग्रेस को ओबीसी और दलित विरोधी करार देते हुए बड़ा हमला बोला है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ की मशीन है. कांग्रेस पार्टी के चाल चरित्र और चेहरे में जमीन आसमान का अंतर है. दिखाने के लिए कुछ और करने के लिए कुछ. देश 1947 में आजाद हुआ. कांग्रेस पार्टी लंबे समय तक देश की सत्ता में रही, लेकिन राहुल गांधी और उनके परिवार के लोग कभी वाल्मीकि जी के मंदिर में मत्था टेकने नहीं गए. उन्होंने संत रविदास की जयंती नहीं मनाई. उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के राजनीतिक सामाजिक जीवन को समाप्त करने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि जब 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा के भीतर दो दिन तक बहस कराने का निर्णय किया, तो कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा था कि संविधान पर बहस कराने की क्या जरूरत है. रविदास या वाल्मीकि जी का कांग्रेस ने कोई मंदिर बनाया हो तो बताएं. उनकी जयंती पर छुट्टी की हो तो बताएं, कर्नाटक में उनका मंत्री वाल्मीकि निगम का पैसा खा जाता है. वो जेल जाता है और दुर्भाग्य से वो जयंती के दिन छूटता है.

इसका मतलब है राहुल गांधी और उनकी टीम का चाल, चरित्र चेहरा अलग है. ये लोग दलितों का वोट लेने के लिए संविधान की किताब दिखाते थे. वहीं अमेरिका में जाकर राहुल गांधी कहते है कि हम सत्ता में आए तो आरक्षण खत्म कर देंगे. मेरा मानना है कि कांग्रेस दलित विरोधी, संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी है.

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