नई दिल्ली, 4 अक्टूबर . आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को अपना सरकारी आवास खाली कर लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड पर बने बंगले में शिफ्ट हो गए. इसको लेकर भाजपा और आप के नेता आमने-सामने आ गए हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी में फर्क है. मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने ऐलान किया था कि मैं दिल्ली में ना बंगला लूंगा, ना सुरक्षा लूंगा ना गाड़ी लूंगा. अपने वादों के उलट जाकर उन्होंने बंगला, सुरक्षा और गाड़ी ली. केजरीवाल आम आदमी के बजाय खास बन गए. पहले करोड़ो के शीश महल में रहे और अब लुटियंस दिल्ली के अंदर अपनी पार्टी के एक सांसद के आवास में रहेंगे. नियम है कि सांसद को आवंटित सरकारी बंगले में कोई बाहर का आदमी परिवार के साथ आकर नहीं रह सकता है. पूर्व सीएम को इस तरह का गैर कानूनी काम नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुझे वो नियम बता दें, जिसमें यह प्रावधान किया गया है. उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा नहीं दिया है, अब वह सुपर सीएम बन गए हैं.आतिशी को सीएम इसलिए बनाया, ताकि भ्रष्टाचार की फाइलों के अंदर छेड़छाड़ करने में आसानी हो. सुप्रीम कोर्ट ने जिन शर्तों पर उनको जमानत दी थी, उसको उन्होंने आज एक तरह से चुनौती दी है. अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए.
वहीं इस घटनाक्रम को लेकर आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमेशा परेशान रहती है. उन्होंने किसी के दबाव में या किसी के कहने पर इस्तीफा नहीं दिया, उन्होंने अपने मन से इस्तीफा दिया है. मुख्यमंत्री के पद के साथ जितनी भी सुविधाएं जुड़ी हुई थींं, उनको उन्होंने छोड़ा है. क्या भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के अंदर इस तरह की नैतिकता है. केवल बयानबाजी से कुछ नहीं होता.
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एकेएस/