केजरीवाल की कथनी और करनी में फर्क, भाजपा करेगी दिल्‍ली का विकास : राज्यवर्धन सिंह राठौड़

जयपुर, 7 जनवरी . दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं. इसी कड़ी में भाजपा नेता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने से बात करते हुए प्रतिक्रिया जाहिर की.

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि दिल्ली की जनता पिछले कई वर्षों से ठगी का अनुभव कर रही है और अब वह सच्चे विकास की ओर देख रही है. दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, बिजली, सड़क, साफ-सफाई, स्कूलों का ढांचा और प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. आम आदमी पार्टी ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो की, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया, जिसके कारण जनता का विश्वास टूट चुका है.

कर्नल राठौड़ ने कहा कि दिल्ली की जनता आजकल खुद को ठगा महसूस कर रही है. बुनियादी जरूरतें जैसे पानी, बिजली, सड़क, साफ-सफाई, प्रदूषण और शिक्षा का ढांचा कमजोर है. इसके पीछे दिल्ली सरकार की नीतियां हैं, जो लंबे समय से लोगों को भ्रमित करने में लगी हुई हैं. बड़े-बड़े वादे करने के बाद, जब उन योजनाओं को पूरा करने के लिए फंड ही नहीं होगा, तो जनता का क्या होगा. दिल्ली की राजनीति में एक-दूसरे को दोष देने का सिलसिला बढ़ चुका है. घोषणाएं करके भाग जाने वाले नेताओं की राजनीति दिल्ली ने देखी है. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और ड्रामा दिल्ली ने बहुत देख लिया, लेकिन अब दिल्ली को विकास चाहिए.

राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दिल्ली में एक आपदा आ चुकी है और इसका इलाज केवल दिल्ली की जनता ही कर सकती है. दिल्ली की जनता दूसरे राज्यों में हो रहे विकास को देख रही है. दिल्ली के लोग भी सोच रहे हैं कि अगर दिल्ली की बागडोर प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में होती, तो दिल्ली कितनी आगे बढ़ सकती थी.

इसके अलावा, कर्नल राठौड़ ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला. उन्होंने केजरीवाल के शीश महल को लेकर कहा कि अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि वह एक साधारण व्यक्ति हैं और जनता के बीच रहेंगे. लेकिन, अब उन्होंने 70-80 करोड़ रुपये अपने घर पर खर्च कर दिए हैं. यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा है. केजरीवाल बोलते कुछ और हैं, करते कुछ और हैं. बड़ी घोषणाएं करना, बड़े वादे करना और फिर उनके विपरीत काम करना अरविंद केजरीवाल की नीति है.

कर्नल राठौड़ ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि दिल्ली की जनता इस बार इस आपदा का बेहतर प्रबंधन करेगी और विकास के नए रास्ते पर चलेगी. दिल्ली को अब एक नए नेतृत्व की जरूरत है, जो जनता के लिए सचमुच काम करे, न कि केवल राजनीति का खेल खेले.

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