New Delhi, 20 अगस्त . एक ग्लोबल स्टडी के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार न केवल वयस्कों के लिए फायदेमंद है, बल्कि बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
ओमेगा-3 मुख्य रूप से मछली के तेल में पाया जाता है. इसे आहार के माध्यम से लिया जाता है. यह ड्राई आई डिजीज और उम्र से संबंधित डिजनरेशन जैसी समस्याओं को बेहतर करने या रोकने में मदद करता है.
लेकिन क्या ये मायोपिया को रोकने में मदद कर सकते हैं? यह स्पष्ट नहीं था, क्योंकि अब तक के अध्ययन प्रायोगिक रहे हैं और इनमें लोगों को शामिल नहीं किया गया है.
हांगकांग की चीनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेसन सी. याम ने बताया, “यह अध्ययन पहली बार सबूत देता है कि ओमेगा-3 से भरपूर आहार आंख की एक्सियल लेंथ को कम करने और मायोपिया की संभावना को घटाने में मदद करता है.”
एक्सियल लेंथ आंख के सामने के हिस्से (कॉर्निया) से पीछे के हिस्से (रेटिना) तक की दूरी को मापता है, जो मायोपिया की प्रगति को दिखाता है. मायोपिया, जिसे निकट दृष्टि दोष भी कहते हैं, तब होता है जब आंख की रोशनी रेटिना के सामने फोकस करती है, जिससे दूर की चीजें धुंधली दिखती हैं.
प्रो. याम ने समझाया कि ओमेगा-3 आंखों में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जो पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को आंख के महत्वपूर्ण हिस्से, कोरॉइड तक पहुंचाता है. इससे आंख के सफेद हिस्से में ऑक्सीजन की कमी (स्क्लेरल हाइपोक्सिया) को रोका जा सकता है, जो मायोपिया का एक प्रमुख कारण है.
ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि मक्खन, पाम ऑयल और रेड मीट जैसे सैचुरेटेड फैट से भरपूर आहार मायोपिया का खतरा बढ़ा सकता है.
अध्ययन में चीन के 6-8 वर्ष की आयु के 1,005 बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया. इनमें से 27.5 प्रतिशत (276 बच्चे) मायोपिया से पीड़ित थे. शोध में पाया गया कि जिन बच्चों के आहार में ओमेगा-3 की मात्रा अधिक थी, उनमें मायोपिया का जोखिम कम था, जबकि सैचुरेटेड फैट का अधिक सेवन करने वाले बच्चों में यह जोखिम अधिक था.
हालांकि, यह एक अवलोकन अध्ययन है; यह अध्ययन केवल यह देखता है कि क्या हो रहा है, लेकिन यह पक्के तौर पर यह नहीं बता सकता कि ओमेगा-3 की वजह से ही मायोपिया कम हुआ या नहीं. साथ ही लोगों से उनके खानपान के बारे में पूछे गए सवाल उनकी यादों पर आधारित हैं, जो सिर्फ एक समय की जानकारी देते हैं, न कि पूरे समय की.
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एमटी/एएस