असम की दूसरी राजधानी बनने की राह पर डिब्रूगढ़ : सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

डिब्रूगढ़, 23 मार्च . असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में डिब्रूगढ़ में तीन दिनों की अपनी यात्रा को बहुत ही सकारात्मक और फलदायी बताया. यह यात्रा असम सरकार के उस निरंतर प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य डिब्रूगढ़ और इस क्षेत्र के लोगों के बीच सरकार और प्रशासन को और नजदीक लाना है.

मुख्यमंत्री ने इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात की, जिनमें मुख्यमंत्री सचिवालय का संचालन, असम विधानसभा परिसर पर काम की शुरुआत और डिब्रूगढ़ को असम की दूसरी राजधानी के रूप में स्थापित करने के प्रयास शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, “डिब्रूगढ़ क्यों?” क्‍योंक‍ि इसके पीछे हमारी शासन की मूलभूत नीतियां हैं, जो हमारी विरासत और विकास को मजबूत करना चाहती हैं. डिब्रूगढ़, जो ऐतिहासिक रूप से एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र रहा है, एक समय भारत में औद्योगीकरण का स्तंभ था. यह उन कुछ शहरों में से था, जिन्हें ट्रेन कनेक्शन सबसे पहले मिला था और इसका बंदरगाह चाय, लकड़ी, तेल और कोयला व्यापार का प्रमुख केंद्र बन गया था.

सीएम ने कहा कि कई दशकों के बाद, इस शहर ने अपनी खोई हुई महिमा को वापस नहीं पाया. अब यह सिलसिला रुकेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार डिब्रूगढ़ के पुनर्निर्माण के लिए सभी पक्षों को शामिल करके एक समग्र योजना पर काम कर रही है, ताकि इसे फिर से पूर्वी भारत का एक प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया जा सके.

मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान 60 से अधिक संगठनों से मुलाकात की, 29 ई-फाइलों का निपटारा किया, 18 विधानसभा सवालों का उत्तर दिया, 109 पत्रों को मंजूरी दी और डिब्रूगढ़, धेमाजी, धकुआखाना और डेमो विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे 500 से अधिक परियोजनाओं की समीक्षा की, जिनकी कुल लागत 3500 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं में सड़कों, फ्लाईओवर, राजमार्गों, सरकारी भवनों, बांधों, पावर स्टेशनों, अस्पतालों, स्कूलों और सांस्कृतिक एवं खेल सुविधाओं का निर्माण शामिल है.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर, क्षेत्र के तत्काल ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण मुद्दों को उनके सामने उठाया. इन समीक्षा बैठकों ने यह सुनिश्चित किया कि सरकार के सभी विभाग मिलकर इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के निर्माण को तेज़ी से आगे बढ़ाने में जुटे रहें.

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