डीएचएफएल घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने धीरज वधवान की जमानत की रद्द, दो सप्ताह में करना होगा सरेंडर

New Delhi, 5 अगस्त . 34,000 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर धीरज वधवान को Supreme court से बड़ा झटका लगा है. Supreme court ने Tuesday को धीरज वधवान की जमानत को रद्द कर दिया है और दो सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है.

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एस.सी. शर्मा की पीठ ने Tuesday को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा धीरज को चिकित्सा आधार पर जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई थी.

दरअसल, यह मामला 34,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी (डीएचएफएल मामला) से संबंधित है. जस्टिस संजय कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने Mumbai के ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और सर जे.जे. ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की एक समिति द्वारा तैयार की गई मेडिकल रिपोर्ट पर विचार किया, जो Supreme court के 23 मई के आदेश के तहत बनाई गई थी.

उस सुनवाई में Supreme court ने धीरज वधवान की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए नई मेडिकल जांच का निर्देश दिया और रिपोर्ट को 29 जुलाई से पहले सीलबंद लिफाफे में जमा करने का आदेश दिया था.

Supreme court ने कहा, “धीरज वधवान को स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिली थी, इसलिए उनकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति की जांच आवश्यक है.”

Supreme court के निर्देश पर Mumbai के सर जे.जे. अस्पताल के डॉक्टरों की एक समिति गठित की गई, जिसने धीरज वधवान की स्वास्थ्य स्थिति की जांच की. समिति ने अपनी रिपोर्ट में Supreme court को बताया कि आरोपी को तत्काल किसी चिकित्सा सहायता या उपचार की आवश्यकता नहीं है. इसके आधार पर Supreme court ने दिल्ली हाई कोर्ट के 9 सितंबर, 2024 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्हें जमानत दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने धीरज को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया. इस मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने सीबीआई की ओर से पक्ष रखा.

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