पांच वर्षीय बच्चों को स्कूलों से जोड़कर टेक्नोलॉजी से संबंधित शिक्षाएं दी जाएंगी: धर्मेंद्र प्रधान

New Delhi, 3 सितंबर . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने Wednesday को आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों के साथ एकीकृत करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए.

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने का हिस्सा है.

धर्मेंद्र प्रधान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “देश में करीब 2.9 लाख आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही स्कूलों के साथ संचालित हो रहे हैं. अब निर्णय लिया गया है कि 5 वर्ष की आयु के बच्चों को धीरे-धीरे स्कूलों से जोड़ा जाएगा. साथ ही, उन्हें टेक्नोलॉजी से संबंधित शिक्षा भी दी जाएगी.”

उन्होंने बताया कि यह कदम बच्चों को प्री-स्कूल से प्राथमिक शिक्षा तक सुचारु रूप से जोड़ने और स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए उठाया गया है.

Union Minister अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से गाइडलाइंस लॉन्च की हैं. जहां स्कूल भवन हैं, वहां आंगनबाड़ी केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे. कुछ केंद्रों पर पहले से यह व्यवस्था है, लेकिन एनईपी लागू होने के बाद कुछ भ्रम था, जो अब दूर हो गया है.” उन्होंने बताया कि चार महीने पहले इस संबंध में बैठक हुई थी, जिसके बाद ये दिशानिर्देश तैयार किए गए.

यह पहल Prime Minister Narendra Modi के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. इसका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ पोषण और समग्र विकास प्रदान करना है. गाइडलाइंस के तहत आंगनबाड़ी और स्कूलों के बीच सह-संबंध को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे बच्चों का शैक्षिक और पोषण स्तर बेहतर होगा. विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

एससीएच/डीएससी