नई दिल्ली, 29 मार्च . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को अपने पिता देबेन्द्र प्रधान को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया. प्रधान ने इस पोस्ट में गहरे शोक और दुःख का इजहार किया और अपने पिता के साथ बिताए हुए पल को याद किया.
धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पोस्ट में लिखा, “पिताजी के चले जाने से स्नेह और वात्सल्य का एक दौर थम सा गया है. उनके साथ बिताया हर एक क्षण स्मरण हो रहा है. उनकी कमी हमेशा खलेगी. वह हमारे मार्गदर्शक और आदर्श ही नहीं, हमारा सबसे बड़ा सहारा थे. अब पिताजी के नहीं होने से जीवन में एक गहरा शून्य सा है. भले ही आज वह साथ न हों, लेकिन उनकी स्मृतियां, उनके सिद्धांत और उनके मूल्य सदैव हमारे साथ रहेंगे.”
उन्होंने आगे लिखा, “इस दुःखद और कठिन समय में अपनी उपस्थिति और भावपूर्ण संदेशों के माध्यम से हमारे परिवार का साहस बढ़ाने के लिए हम आजीवन सभी स्नेहीजनों के कृतज्ञ रहेंगे. पिताजी के लिए आप की श्रद्धा और आप लोगों के अटूट साथ ने हमे बहुत संबल प्रदान किया है. महाप्रभु श्री जगन्नाथ की कृपा सभी पर बनी रहे.”
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता डॉ. देबेन्द्र प्रधान का 17 मार्च को इलाज के दौरान दिल्ली एम्स में निधन हो गया. 84 वर्ष की आयु में उन्हाेंने अंतिम सांस ली. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे थे. प्रधान के निधन से ओडिशा के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई थी. उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया था.
देबेन्द्र प्रधान के निधन पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें ‘लोकप्रिय नेता और एक कुशल सांसद’ बताया था, जिन्होंने अपना जीवन जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया. माझी ने केंद्रीय भूतल परिवहन और कृषि राज्य मंत्री (1999-2001) के रूप में प्रधान के महत्वपूर्ण योगदान और ओडिशा के राजनीतिक और विकासात्मक परिदृश्य को आकार देने में उनकी प्रभावशाली भूमिका पर भी प्रकाश डाला था.
वहीं, नेता विपक्ष नवीन पटनायक ने कहा था कि डॉ. प्रधान ओडिशा में भाजपा के संस्थापक नेताओं में से एक थे और 1989 से 1993 तक और फिर 1996 से 1997 तक दो बार पार्टी के राज्य अध्यक्ष रहे. प्रधान ने 13वीं लोकसभा (1998-2004) में देवगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, जिसके दौरान उन्होंने भूतल परिवहन और कृषि राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. उनके निधन के समय उनके बेटे धर्मेंद्र प्रधान, पुत्रवधू मृदुला प्रधान और पत्नी बसंत मंजरी प्रधान मौजूद थे.
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