धर्मेंद्र प्रधान : एक जमीनी कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर

New Delhi, 25 जून . भारतीय राजनीति में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं, जो न सिर्फ अपनी कार्यक्षमता से बल्कि अपनी सादगी, संघर्ष और प्रतिबद्धता से भी जनता के दिलों में जगह बना लेते हैं. धर्मेंद्र प्रधान उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और आज केंद्र Government के प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों में से एक के रूप में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.

धर्मेंद्र प्रधान का जन्म 26 जून 1969 को Odisha के तालचेर (जिला- अंगुल) में हुआ था. उनके पिता देवेंद्र प्रधान, खुद भी एक अनुभवी राजनेता और पूर्व Union Minister रहे हैं, लेकिन धर्मेंद्र प्रधान ने केवल पारिवारिक विरासत पर निर्भर न रहकर खुद के बलबूते राजनीति में अपनी पहचान बनाई.

उन्होंने अपने छात्र जीवन से ही सामाजिक गतिविधियों और सार्वजनिक सेवा में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी. वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और युवाओं की समस्याओं को उठाने में सक्रिय भूमिका निभाई.

धर्मेंद्र प्रधान ने भाजपा में अपने Political जीवन की शुरुआत एक युवा कार्यकर्ता के रूप में की थी. वे Odisha में भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के सक्रिय नेता बने. उन्होंने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत किया और युवाओं को पार्टी से जोड़ा. उनकी संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपनी शुरू की.

वर्ष 2000 में वे Odisha विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. इसके बाद, वर्ष 2004 में वे पहली बार Lok Sabha के लिए चुने गए, जब उन्होंने Odisha की देवगढ़ सीट से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया. इसके बाद पार्टी ने उनके संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और महासचिव जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएं दीं.

धर्मेंद्र प्रधान को 2010 में भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. उन्होंने बिहार, Jharkhand और Odisha जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में पार्टी के संगठन को पुनर्जीवित करने का कार्य किया. उन्हें रणनीतिकार के रूप में पहचाना गया, खासकर चुनावी अभियानों में उन्होंने अपनी रणनीति दिखाई.

2014 के Lok Sabha चुनावों के बाद Narendra Modi Government के सत्ता में आने पर धर्मेंद्र प्रधान को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री बनाया गया. इस भूमिका में उन्होंने कई ऐतिहासिक पहल की. फिलहाल वह संबलपुर से Lok Sabha सांसद हैं.

उन्होंने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की, जिसके तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाली महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है. इस योजना ने उन्हें देश के कोने-कोने में एक जनप्रिय नेता बना दिया. साथ ही, गैस सब्सिडी सुधार, पीएनजी और सीएनजी नेटवर्क का विस्तार, और ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने जैसे कई अन्य प्रयासों का भी उन्होंने नेतृत्व किया.

बाद में वह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और फिर शिक्षा मंत्रालय जैसे अहम विभागों के मंत्री भी बने. वर्तमान में वे शिक्षा मंत्री के रूप में नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) को लागू करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

धर्मेंद्र प्रधान की छवि एक मृदुभाषी, विचारशील और संगठनात्मक रूप से दक्ष नेता की है. वह अक्सर जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ने और संवाद करने में विश्वास रखते हैं. उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता और नवाचार की झलक दिखती है.

डीएससी/जीकेटी