10 लाख से अधिक बाशिंदों की गरिमा बहाल करने का मिशन है धारावी परियोजना : गौतम अदाणी

मुंबई, 5 सितंबर . अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को यहां कहा कि धारावी महज एक पुनर्विकास परियोजना नहीं है, बल्कि यहां के 10 लाख से अधिक बाशिंदों की गरिमा बहाल करने और उन्हें सस्टेनेबल जीवन का अद्वितीय इकोसिस्टम प्रदान करने का एक मिशन है.

गौतम अदाणी ने यहां जय हिंद कॉलेज में शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे अगले एक दशक में दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के कायाकल्प के लिए तैयार हैं.

अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, “इससे न केवल इसके 10 लाख से अधिक निवासियों को गरिमामय जीवन जीने का अवसर मिलेगा, साथ ही साथ, यह मुंबई के बीचों-बीच सस्टेनेबल जीवन और नवाचार का एक अद्वितीय इकोसिस्टम तैयार करेगा.”

धारावी का भौगोलिक क्षेत्र आकार में 2.39 वर्ग किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा है. अदाणी समूह के अनुसार, पुनर्विकास परियोजना सस्टेनेबल जीवन और नवाचार का एक अद्वितीय इकोसिस्टम तैयार करेगी. तीन अरब डॉलर की पुनर्विकास परियोजना के तहत, किरायेदारों को 350 वर्ग फीट का घर प्रदान किया जाएगा, जो देश की आर्थिक राजधानी में किसी भी दूसरी स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) योजना की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है.

गौतम अदाणी ने कहा कि हमारी परिभाषा जीत से नहीं, बल्कि चुनौतियों से निपटने की मानसिकता से बनती है और पिछले कुछ वर्षों में “हमने ऐसे नेतृत्वकर्ताओं का एक समूह तैयार किया है जो अनजानी राहों पर चलने के लिए तैयार हैं.”

इस बीच, पुनर्विकास परियोजना के लिए चल रहे राज्य सरकार के सर्वेक्षण के लिए धारावी निवासियों के भारी समर्थन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में काम करने वाले कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी अपना समर्थन देने का वादा किया है.

इस साल 18 मार्च को शुरू हुए इस सर्वेक्षण के तहत घर-घर जाकर 11 हजार से ज्यादा चॉलों का सर्वे पूरा किया गया है. इस सर्वेक्षण का नेतृत्व राज्य सरकार के डीआरपी/एसआरए के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार और अदाणी समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) द्वारा किया जा रहा है.

एकेजे/एबीएम