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Lucknow, 3 नवंबर . उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि भूसा और साइलेज टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के अनुरूप और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराई जाए, जहां भी टेंडर दरों में भिन्नता या अनियमितता की शिकायत मिले, वहां तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए.
उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों को भरण-पोषण मद में एक माह की अग्रिम धनराशि उपलब्ध कराई जाए ताकि गोवंश के पालन में किसी प्रकार की कमी न रहे. गोशालाओं में चारा, पानी, औषधियों और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही, गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
मंत्री ने स्पष्ट कहा कि अवस्थापना कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा. सभी कार्य तय समयसीमा में पूरे किए जाएं. उन्होंने बड़े गोआश्रय स्थलों की भूमि को पीपीपी मॉडल पर ‘गो-पर्यटन’ के रूप में विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए. साथ ही, 15 दिसंबर तक खेतों से पराली उठाने का विशेष अभियान चलाने और गोआश्रय स्थलों में cctv कैमरे लगाने को कहा. हाईवे और मुख्य मार्गों पर गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाने का भी निर्देश दिया गया ताकि सड़क हादसे रोके जा सकें.
उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण और संवर्धन राज्य Government की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने पशुचिकित्साधिकारियों को गोशालाओं का नियमित निरीक्षण करने और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए. मंत्री ने कहा कि दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जाए और हर सदस्य को कम से कम दो पशु पालने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. साथ ही, किसानों-पशुपालकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए और प्रत्येक गांव में नई समितियां गठित की जाएं.
धर्मपाल सिंह ने कहा कि ‘पराग’ के उत्पादों की गुणवत्ता उत्कृष्ट है, लेकिन उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग को और सशक्त किया जाना चाहिए ताकि ये उत्पाद बाजार में ज्यादा लोकप्रिय हों तथा हर वर्ग तक सहज उपलब्ध हो सकें.
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विकेटी/एबीएम