हिमाचल : नैना देवी शक्तिपीठ में गुप्त नवरात्रि की धूम, श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), 30 जनवरी . हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले स्थित प्रसिद्ध नैना देवी शक्तिपीठ में गुरुवार से माघ मास शुक्ल पक्ष के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत बड़े धूमधाम के साथ हुई. इन दौरान पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में पूजा अर्चना के लिए पहुंचे.

श्रद्धालु यहां माता के दर्शन कर अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. इस दौरान वे माता के प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी अर्पित कर रहे हैं. गुप्त नवरात्रि का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति का अवसर भी है.

मंदिर के पुजारी दीपक भूषण ने बताया कि गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. इन दिनों पूजा-पाठ और जप की विशेष अनुष्ठानिक प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसकी पूर्ण आहुति माघ नवमी के दिन दी जाएगी. पुजारी ने यह भी बताया कि इस समय मंदिर में भक्तों की आस्था और श्रद्धा का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है.

अंबाला से आए श्रद्धालु जोशी ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ गुप्त नवरात्रि पूजन के लिए माता के दरबार में पहुंचे हैं. उन्होंने माता की पूजा अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की और बताया कि यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा उन्हें बहुत सुकून देती है.

बता दें कि माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आज से, यानी 30 जनवरी से हो गई है. इसका समापन 7 फरवरी को होगा. इस दौरान गुप्त रूप से 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. यह वह अवधि है, जब मां दुर्गा 10 महाविद्याओं के रूप में प्रकट हुई थीं. गुप्त नवरात्रि का हिंदुओं में बहुत अधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस दौरान मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है.

हर साल नवरात्रि चार बार आती है, जिसमें दो को गुप्त नवरात्रि और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है. प्रत्यक्ष नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होती है. लेकिन, गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है.

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