शिव की नगरी काशी में गूंज रहे माता के जयकारे, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु

वाराणसी, 24 सितंबर . शारदीय नवरात्रि का Wednesday को तीसरा दिन है और पूरे देश में भक्त मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के चौक थाना क्षेत्र स्थित प्राचीन मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. मां की पूजा और जयकारे की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया है.

मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. लोग मां के दर्शन के लिए फूल, नारियल, जल और प्रसाद लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु माता के दर्शन कर घर-परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल की कामना कर रहे हैं.

मंदिर के पुजारी वैभवनाथ ने से बात करते हुए बताया कि मां चंद्रघंटा की साधना से भक्तों के जीवन से दुख, दरिद्रता और भय दूर हो जाते हैं. मां का यह स्वरूप सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है. मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक को अलौकिक शक्ति प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और देवी गीतों के बीच भक्तों का उत्साह देखने को मिल रहा है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी प्रकार के भय और बाधाएं दूर होती हैं.

पुजारी ने कहा, “नवरात्रि का Wednesday को तीसरा दिन है. मां का पहला रूप शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी और तीसरा चंद्रघंटा है. मंदिर में ढोल-नगाड़ों और मंत्रोच्चार से पूरा माहौल भक्तिमय नजर आ रहा है. भक्त बड़े ही उत्साह और श्रद्धा से सुबह से ही परिवार के साथ मां के दर्शन कर रहे हैं. इस मंदिर के बारे में काशी खंड के चौथे भाग स्कंद पुराण में बताया गया है कि यह मंदिर 250 वर्ष पुराना है.”

श्रद्धालुओं ने बताया कि मंदिर में सुबह से ही लाइन देखने को मिल रही है. मंदिर प्रशासन की तरफ से दर्शन-पूजन की अच्छी व्यवस्था की गई है. किसी श्रद्धालु को कोई परेशानी नहीं हो रही है. मां की पूजा से साधक के भीतर तप, धैर्य, त्याग और संयम की शक्ति आती है.

एसएके/एबीएम