नई दिल्ली, 20 मार्च . केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकास के साथ, सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को 5 प्रतिशत से अधिक घटाकर जीडीपी के 10 प्रतिशत से कम करना है, ताकि भारत चीन और अमेरिका के साथ बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सके.
भारत मंडपम में कन्वर्जेंस इंडिया और 10वें स्मार्ट सिटीज इंडिया एक्सपो का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. हमारा लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के 14-16 प्रतिशत से घटाकर एकल अंक तक लाना है, जिससे हम चीन और अमेरिका के साथ अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें.”
‘इमेजिनिंग एन एआई-ड्रिवन फ्यूचर टुडे : इनोवेटिंग फॉर अ बेटर टुमॉरो’ थीम के तहत, एक्सपो का आयोजन एग्जीबिशन इंडिया ग्रुप (ईआईजी) और इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) द्वारा किया जा रहा है.
अगले तीन दिनों में, 50,000 से ज्यादा लोगों की ऑडियंस इस आयोजन का हिस्सा बनेगी, जहां उन्हें 28 देशों के 1,000 प्रदर्शकों द्वारा पेश टेक्नोलॉजी, गैजेट्स और इनोवेशन को एक्सप्लोर करने और एक्सपीरियंस लेने का मौका मिलेगा.
200 स्टार्टअप्स का एक बड़ा दल न्यू-एज टेक्नोलॉजी में बढ़ती क्षमताओं के प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है.
इस वर्ष के आयोजन में 5जी, 6जी, एआई, बिग डेटा, आईओटी, साइबर सिक्योरिटी, एआर/वीआर, एम्बेडेड टेक, ईएसएस, फिनटेक, अर्बन मोबिलिटी और स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन को पेश किया जाएगा.
इसके अलावा, विजिटर्स डिजिटल गेमिंग, मोबाइल डिवाइस और एक्सेसरीज, ओटीटी, सिक्योरिटी और सर्विलांस, ई-कॉमर्स, मोबाइल ऐप्स, ड्रोन टेक का भी आनंद ले सकेंगे.
एआई भारत एक्सपो के फर्स्ट एडिशन लॉन्च का फोकस एआई के कनवर्जेंस, इंडस्ट्रियल और रिटेल इकोसिस्टम में इसके इस्तेमाल पर रहेगा.
एक दूसरा आकर्षण इस बार स्टार्टअप हब रहेगा, जिसमें 250 से ज्यादा स्टार्टअप उभरती हुई टेक्नोलॉजी, आईसीटी और स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन में इनोवेशन पेश करेंगे.
लोकप्रिय स्मार्ट सिटी और फिनटेक इनोवेशन अवार्ड्स इस इकोसिस्टम को अगले स्तर तक ले जाएंगे.
एक्सपो में तीन दिनों के दौरान लगभग 40 कॉन्फ्रेंस सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें भारत की डिजिटल क्रांति और शहरी परिदृश्य को प्रभावित करने वाले नवीनतम विकास और बाजार के रुझानों पर सरकार और उद्योग के प्रतिनिधियों, इनोवेटर्स, थिंक टैंक और शिक्षाविदों के बीच चर्चा होगी.
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एसकेटी/एबीएम