विकसित भारत युवा नेता संवाद कार्यक्रम : देश भर से आए युवाओं ने ‘विकसित भारत 2047’ के लिए कई थीमों पर किया काम

नई दिल्ली, 10 जनवरी . राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में शुक्रवार से 12 जनवरी तक विकसित भारत युवा नेता संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी को भारत को आगे ले जाने के लिए अनूठा मंच प्रदान करना है.

पंजाब से आई पारुल पराक्षी ने कहा, “हमारी थीम ‘टेक फॉर विकसित भारत’ है. हमारा मानना है कि भारत में जो प्रमुख कंपनियां हैं, जैसे अमेजन, गूगल, और माइक्रोसॉफ्ट, वे ज्यादातर अमेरिकी कंपनियां हैं. वर्तमान में भारत में ऐसी कोई बड़ी कंपनी नहीं है, जो बच्चों को बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान कर सके. इसलिए हमें रोजगार के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. हाल ही में रूस में यूट्यूब चैनल्स को डिलीट कर दिया गया था. भारत में भी अपना कुछ खास नहीं है. यह एक चेतावनी हो सकती है कि हमें ऐसे उदाहरणों से सीखकर भारत में भी समान कंपनियां स्थापित करनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा हमने इस पर भी ध्यान केंद्रित किया है कि भारत के युवा पैसे के लिए काम करते हैं, जबकि इन लोगों को नौकरी करके पैसे कमाने के बजाय रतन टाटा की तरह कंपनी खड़ी करके पैसे कमाने चाहिए. जो आने वाले 50-100 साल तक टिक सकें. हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि युवा विदेश जाने की बजाय भारत में रहकर कुछ अच्छा करें और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान दें. इस तरह, भारत को वैश्विक स्तर पर आर्थिक सफलता प्राप्त होगी और हम अपने देश में ही रोजगार और समृद्धि का निर्माण कर पाएंगे.”

छत्तीसगढ़ से आए आशीष वैद्य ने कहा, “विकसित भारत चैलेंज के अंतर्गत, मैंने यह विचार व्यक्त किया कि भारत को 2047 तक तकनीकी के माध्यम से कैसे विकसित किया जा सकता है. आज के अपने विचारों में, मैंने विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया कि भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप, लोगों की सेहत और जीवन गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने यह सुझाव दिया कि तकनीक के माध्यम से इस बढ़ते हुए प्रदूषण को कम किया जा सकता है. इसके लिए हम उन्नत तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों का उपयोग. साथ ही, स्मार्ट शहरों की स्थापना और प्रदूषण नियंत्रण के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है. तकनीकी नवाचारों के माध्यम से हम प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं और भारत में लोगों को एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकते हैं. इससे भारत का विकास न केवल आर्थिक रूप से होगा, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी स्थिर और स्वस्थ रहेगा.”

दिल्ली से आईं एंजल गुप्ता ने कहा, “इस कार्यक्रम में मेरी थीम ‘मेक इन इंडिया एज स्टार्टअप कैपिटल’ है. आने वाले समय में जब एक युवा के पास एक व्यवसाय खड़ा करने की सामर्थ्य आ जाएगी, तो विकसित भारत करने का सपना पूरा हो जाएगा. हमारा भारत नौकरी करने में ज्यादा फोकस करता है. हम लोग नौकरी बनाने पर फोकस ही नहीं करते हैं. तो हम अपने आइडिया के माध्यम से इस पर फोकस करेंगे.”

तेलंगाना से आईं प्रतिष्ठा ने कहा, “मेरी थीम टेक फॉर विकसित भारत थी. भारत को विकसित भारत बनाने के लिए जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल डिवाइडर है, उसको खत्म करना होगा. इसलिए हमारी सिफारिश है कि देश में तकनीकी हब विकसित किए जाएं.”

अरुणाचल प्रदेश से आई श्रिंग रमा भूटिया ने कहा, “मैं यहां सुनाने के लिए कविता लिख कर लाई हूं . मेरी थीम ‘विकसित भारत 2047’ है. हम इस पर देश भर के लोगों के लिए काम कर रहे हैं.”

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