पटना, 28 जुलाई . बिहार में शराबबंदी को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो इस नीति पर दोबारा विचार किया जा सकता है. उनके इस बयान पर बिहार की सियासत गरमा गई है.
बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह इस तरह का काम कर सकते हैं. वो शराब के साथ ड्रग्स की भी दुकान खुलवा देंगे. उन्होंने इससे ज्यादा कुछ नहीं सीखा है. इससे ज्यादा उनसे हमें उम्मीद नहीं है. हम लोग एक सभ्य समाज की ओर चल रहे हैं. एक विकसित बिहार की ओर चल रहे हैं कि समाज स्वच्छ हो, नशा मुक्त हो, समाज आगे बढ़े और शिक्षित हो.
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब, गांधीजी, जननायक कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण के सपनों के अनुरूप हम बिहार बनाना चाहते हैं. उनकी सोच चरवाहा विद्यालय खुलवाने की रही है. जब उनके पिता और माता जी का राज था तो उन्होंने बिहार के लिए क्या किया, ये इतिहास में दर्ज है.
संतोष सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमको लगता है कि देश के सरहद पर जो जवान हमारे लिए काम करते हैं, उनके खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस और विपक्ष के तमाम नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह देश के जवानों का अपमान है, उनको माफी मांग लेनी चाहिए. जो जवान हम लोगों की सुरक्षा के लिए सरहद पर तैनात रहते हैं, उनसे सबूत मांगा जाना गलत और निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि निजी स्वार्थ और छोटी राजनीति के लिए सेना के प्रति कोई भी बयान देना गलत है. जिस जवान के बल पर यह देश आजाद है, जवानों की वीरता विश्व मान रहा है, वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवानों से सबूत मांगा जाना शर्मनाक है.
मंत्री संतोष सिंह ने एसआईआर के मुद्दे पर कहा कि जो मृत लोग हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट में क्यों रहना चाहिए. जो पलायन कर गए, उनका नाम क्यों रहना चाहिए. स्वच्छ मतदान हो, स्वच्छ समाज हो, चुनाव आयोग का यही उद्देश्य है. विपक्ष को राजनीति से बाज आना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं पर अपना भरोसा कायम रखना चाहिए.
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एकेएस/एबीएम