नई दिल्ली, 23 जून . केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ओला, उबर इंडिया और रैपिडो जैसे राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म को उनके एडवांस टिपिंग फीचर को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसके एक महीने से अधिक समय बाद भी, इन डिजिटल राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर यह विवादास्पद फीचर एक्टिव है.
प्लेटफॉर्म के इस फीचर के साथ यात्रियों की राइड शुरू होने से पहले ही ड्राइवर को टिप देने को कहा जाता है. कई यूजर्स ने इस फीचर को लेकर चिंता जताई और इसे मिसलीडिंग और अनफेयर बताया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई यूजर्स ने शिकायत की है कि उन्हें या तो उकसाया गया या बिना स्पष्ट सहमति के टिप देने के लिए बाध्य किया गया.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई लोगों को लगता है कि इससे उन पर दबाव पड़ता है और ड्राइवरों को राइड स्वीकार करने पर अधिक नियंत्रण मिलता है. जबकि यूजर्स पहले से ही कई दूसरी परेशानियां जैसे ड्राइवर का राइड स्वीकार न करना, कैश पेमेंट की मांग करना और डेस्टिनेशन पूछे जाने के बाद ट्रिप कैंसल कर देना, झेल रहे हैं.
हालांकि, 22 जून तक, सीसीपीए की ओर से जांच के परिणाम को लेकर कोई अपडेट जारी नहीं किया गया है.
इस बीच, ओला, उबर, रैपिडो और यहां तक कि नम्मा यात्री जैसे ऐप पर किराया समरी या भुगतान प्रक्रिया में टिपिंग ऑप्शन अभी भी दिखाई दे रहा है.
कुछ यूजर्स ने एक्स और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हुए कहा कि टिप अक्सर अपने आप जुड़ जाती हैं या इससे बाहर निकलना मुश्किल होता है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार इन शिकायतों को गंभीरता से ले रही है.
उन्होंने बताया था कि सीसीपीए अन्य प्लेटफॉर्म पर भी विचार कर रहा है और अगर इसी तरह की प्रैक्टिस पाई जाती हैं तो आगे भी नोटिस भेजे जाएंगे.
ऐसे भी आरोप हैं कि नम्मा यात्री ने सबसे पहले बेंगलुरु में इस टिपिंग सिस्टम को शुरू किया था, उसके बाद दूसरी कंपनियों ने भी ऐसा ही करना शुरू कर दिया.
हालांकि, यह साफ नहीं है कि नम्मा यात्री को सीसीपीए से कोई आधिकारिक नोटिस मिला है या नहीं.
अभी तक, ओला, उबर, रैपिडो, नम्मा यात्री और सीसीपीए ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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एसकेटी/