नई दिल्ली, 17 अक्टूबर . राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में मुख्यमंत्री आवास का मुद्दा गरमाया हुआ है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने बुधवार को से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास में अवैध निर्माण कराया गया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने को बताया कि करीब पिछले दो साल से “शीश महल” का मुद्दा बना हुआ है. यह मुद्दा दिल्ली के नगर निगम के अंतर्गत आता है, जिसको खुद ही इसको संज्ञान में लेना चाहिए था. लेकिन, दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि जब यह मामला प्रकाश में आया, उस समय दिल्ली नगर निगम, अरविंद केजरीवाल के कार्यक्षेत्र में चला गया था. इसलिए इसपर कोई एक्शन नहीं हुआ.
उन्होंने आगे बताया कि 2019-20 में पीडब्ल्यूडी ने डीयूएसी से मुख्यमंत्री आवास के रिपेयर की परमिशन मांगी थी जिसके लिए बाद में मना कर दिया गया था. मनाही के बावजूद वहां पर दो-ढाई प्रॉपर्टी को मिलाकर अवैध निर्माण किया गया है. स्विमिंग पूल बनाया गया है. पुराने बंगले को ध्वस्त करके पूरा नया बंगला बनाया गया है, जो कानूनन अपराध है.
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आगे बताया कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि दिल्ली नगर निगम धारा 343/ 344 के अंतर्गत इस पर कार्रवाई करें. यह कार्रवाई ध्वस्तीकरण की भी हो सकती है. यह भी मांग की गई है कि धारा 345 के तरह प्रॉपर्टी को सील किया जाए.
बता दें दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर भाजपा और आप आमने-सामने हैं. भाजपा आप सरकार पर बिना संबंधित विभाग की इजाजत के मुख्यमंत्री आवास में अवैध निर्माण कराने का आरोप लगा रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने आराम के लिए जनता के पैसों का दुरुपयोग किया है. विधानसभा चुनाव के नजदीक आने और दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी के बनने के बाद यह मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ रहा है.
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एससीएच/एकेजे