नई दिल्ली, 2 जुलाई . लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं. राष्ट्रपति ने विकसित भारत के संकल्प को अपने अभिभाषण में विस्तार दिया है. उन्होंने हम सभी का मार्गदर्शन किया है और इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं.
उन्होंने कहा कि कल और आज कई सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए, खासकर उन सांसदों ने, जो सांसद के रूप में पहली बार हमारे बीच आए हैं. उन्होंने संसद के सभी नियमों का पालन किया और उनका व्यवहार एक अनुभवी सांसद की तरह रहा. पहली बार सदस्य होने के बावजूद उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है और अपने विचारों से इस बहस को और अधिक मूल्यवान बना दिया है.
उन्होंने कहा कि मैं कुछ लोगों का दर्द समझ सकता हूं जो लगातार झूठ बोलने के बावजूद चुनाव में हार गए. भारत के लोगों ने हमें लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है. यह देश के इतिहास की बहुत महत्वपूर्ण घटना है. जनता ने हमारी दस साल की सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखा है. हमने जनसेवा ही ईश्वर सेवा को मंत्र बनाकर काम किया. देश ने हमें भ्रष्टाचार को लेकर जो जीरो टॉलरेंस नीति है, उसके लिए जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है.
उन्होंने कहा कि आज विश्व में भारत का गौरव बढ़ रहा है. दुनिया में साख बढ़ी है. भारत को देखने का गौरवपूर्ण नजरिया भी हर भारतवासी अनुभव कर रहा है. हमारा एकमात्र लक्ष्य नेशन फर्स्ट है. भारत सर्वप्रथम है. हमारी हर नीति, हर निर्णय, हर कार्य का एक ही तराजू रहा है भारत प्रथम. भारत प्रथम की भावना के साथ जो जरूरी रिफॉर्म थे, उनको भी लगातार जारी रखा है. दस साल में हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को लेकर सबका कल्याण करने का प्रयास करती रही है.
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एकेएस/एबीएम