आयात के बावजूद भारत में एलपीजी की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं : हरदीप पुरी

New Delhi, 8 अगस्त . पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Friday को इस बात पर जोर दिया कि आयातक होने के बावजूद, India दुनिया में सबसे सस्ती दरों पर रसोई गैस बेचता है. जिससे 10.33 करोड़ से ज्यादा उज्ज्वला परिवार इस किफायती ईंधन के ज़रिए सिर्फ़ 6 रुपये प्रतिदिन में खाना बना पाते हैं.

मंत्री ने कहा, “हमारे ऊर्जा क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को रसोई घरों में रसोई गैस को हमारे पड़ोसी देशों की तुलना में लगभग आधी कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए भारी नुकसान उठाना पड़ा.”

उन्होंने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में रसोई गैस की कीमतें 63 प्रतिशत बढ़ गईं, तब भी Prime Minister Narendra Modi की नीतियों ने भारतीय परिवारों को इसमें होने वाली मूल्य वृद्धि से बचाया और यह सुनिश्चित किया कि उन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े.

मंत्री ने कहा कि लागत से कम कीमत पर एलपीजी उपलब्ध कराने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 41,000 करोड़ रुपये की अंडर-रिकवरी (भारतीय पेट्रोलियम क्षेत्र में प्रयुक्त एक शब्द है, जिसका प्रयोग तेल कंपनियों को होने वाले अनुमानित घाटे को दर्शाने के लिए किया जाता है) का सामना करना पड़ा है. Friday को कैबिनेट के फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को इस अंडर-रिकवरी के बदले 30,000 करोड़ रुपये की आंशिक प्रतिपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है.

Prime Minister मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि एलपीजी की कीमतें स्थिर रखने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को बारह किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि यह मुआवजा, जो ऊर्जा क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल, India पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के बीच विभाजित किया जाएगा, इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, जिससे कठिन भू-Political समय और अनिश्चितताओं में देश के नागरिकों के लिए ऊर्जा आपूर्ति की उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता सुनिश्चित होगी.

पुरी ने कहा, “Narendra Modi Government के पिछले 11 वर्षों में, हमने India के ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखा है, जिसका विशेष ध्यान आम जनता तक स्वच्छ ऊर्जा पहुंचाने पर रहा है.”

मंत्री ने कहा कि प्रतिदिन लगभग 56 लाख घरेलू एलपीजी सिलेंडर वितरित किए जाते हैं, देश भर में प्रतिदिन लगभग 6 करोड़ उपभोक्ता खुदरा दुकानों पर जाते हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन की उपलब्धता को मज़बूत करने के लिए, पिछले एक दशक में जोड़े गए कुल एलपीजी वितरकों में से लगभग 86 प्रतिशत ग्रामीण वितरक हैं.

एलपीजी पाइप नेटवर्क को भी मज़बूत किया गया है. 2014 से अब तक लगभग 3,000 किलोमीटर लंबी एलपीजी पाइपलाइनें बिछाई जा चुकी हैं. मंत्री ने आगे कहा कि कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन 2,805 किलोमीटर लंबी दुनिया की सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन है, और 1,707 किलोमीटर लंबी पारादीप-हल्दिया-मोतिहारी पाइपलाइन निर्माणाधीन है.

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