लखनऊ, 4 जुलाई . Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम, अवध विहार योजना, सेक्टर 9, में तीन दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025’ का शुभारंभ किया. इस महोत्सव में देशभर के बागानों से चुनकर लाए गए 800 से अधिक किस्मों के आमों की प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमारे बागवानों ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों के बावजूद तकनीक का उपयोग कर शानदार प्रदर्शन किया है. ढाई से तीन किलो के आमों की किस्में देखकर आश्चर्य होता है, जो न केवल स्वाद में बेजोड़ हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में भी उत्तर प्रदेश की शान बढ़ा रहे हैं.
Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम महोत्सव न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. आम उत्पादन को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए लखनऊ, अमरोहा, सहारनपुर और वाराणसी में चार आधुनिक पैक हाउस स्थापित किए गए हैं. इन पैक हाउसों के माध्यम से आम की गुणवत्ता, वैरायटी और एक्सपोर्ट के मानकों की जानकारी किसानों को दी जाती है. आम महोत्सव न केवल आम उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देता है, बल्कि बागवानों में औद्यानिक फसलों, आधुनिक तकनीक और वैश्विक बाजारों के प्रति विश्वास जगाने का भी माध्यम है.
सीएम योगी ने आगे कहा कि डबल इंजन सरकार की डबल इंजन नीति ने औद्यानिक फसलों के निर्यात को कई गुना बढ़ाया है. इस महोत्सव के दौरान दो देशों के लिए आमों का एयर कार्गो रवाना किया गया, जिसमें सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी ने बागवानों को बेहतर दाम दिलाने में मदद की.
Chief Minister ने महोत्सव में सभी स्टॉलों का निरीक्षण किया और लखनऊ की दशहरी, वाराणसी का लंगड़ा, गोरखपुर का गवर्जीत, बस्ती का आम्रपाली, मेरठ और बागपत का रटोल जैसी किस्मों की जानकारी ली. उन्होंने बागवानों के परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और तकनीकी नवाचार ने उत्तर प्रदेश को औद्यानिक फसलों का केंद्र बनाया है. योगी सरकार ने बागवानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी, प्रशिक्षण और बाजार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जिससे उनकी आय कई गुना बढ़ी है.
सीएम योगी ने बताया कि एक समय उत्तर प्रदेश की जीडीपी में कृषि और औद्यानिक फसलों का योगदान 25-30 प्रतिशत था. आज सरकार की नीतियों ने इस क्षेत्र को और सशक्त किया है. अर्जुन सहायक, बांध सागर और सरयू नहर जैसी परियोजनाओं ने बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जल की समस्या का समाधान किया है. परिणामस्वरूप, जहां पहले एक या दो फसलें होती थीं, वहां अब किसान तीन फसलें ले रहे हैं.
उन्होंने हरदोई, कानपुर और औरैया के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मक्का की खेती से किसान प्रति एकड़ 1 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के माध्यम से आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया है. गन्ना, मक्का और औद्यानिक फसलों में नए बीज और तकनीकों का उपयोग किसानों की आय को बढ़ा रहा है. 2017 में जहां 5 करोड़ पौधों का रोपण एक चुनौती थी, वहीं अब 9 जुलाई 2025 को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 50 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा. यह उत्तर प्रदेश की प्रगति और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. महोत्सव में संगोष्ठियों, प्रगतिशील किसानों के अनुभव साझा करने और बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन किया जाएगा.
सीएम योगी ने सुझाव दिया कि कमिश्नरी स्तर पर भी ऐसे आयोजन होने चाहिए, ताकि स्थानीय बागवान अपनी फसलों की प्रदर्शनी और बिक्री कर सकें. उन्होंने बागवानों से हल्दी, अदरक और अन्य औद्यानिक फसलों के साथ फूड प्रोसेसिंग को अपनाने का आह्वान किया, ताकि उनकी आय को और बढ़ाया जा सके. यह महोत्सव बागवानों, किसानों और उत्तर प्रदेश की प्रगति को वैश्विक मंच पर ले जाने का एक शानदार मंच साबित होगा.
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एसके/एएस