चेन्नई, 5 अक्टूबर . तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अधिकारियों को मानसून के दौरान जल जमाव और जाम को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है.
उन्होंने मानसून की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की. पूर्वोत्तर मानसून इस माह राज्य में दस्तक देने वाला है.
बैठक में ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन तथा पड़ोसी तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों के क्षेत्रों पर चर्चा की गई, जहां पिछले वर्षों के दौरान बाढ़ और जलजमाव की स्थिति बनी हुई थी.
उपमुख्यमंत्री ने मानसून आने से पहले नालों से गाद निकालने, खुले गड्ढों को बंद करने तथा गड्ढों को भरने का आदेश दिया, ताकि जलजमाव से बचा जा सके.
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी उपाय किए जाएं, ताकि लोगों को बारिश के दौरान परेशानी न हो. उन्होंने 2023 की बाढ़ का उदाहरण दिया, जिसने सार्वजनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था.
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली की तारों की मरम्मत और पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि, निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए मोटरों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और बारिश के दौरान पानी बढ़ने वाले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से चेन्नई निगम के प्रत्येक वार्ड के लिए 1000 ब्रेड पैकेट और 1000 दूध के पैकेट रखने को कहा.
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे हर वार्ड में सरकारी अधिकारियों, विधायकों, युवाओं और गैर सरकारी संगठनों को शामिल करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं, ताकि बारिश के दौरान बाढ़ की स्थिति में लोगों को आपातकालीन सामग्री उपलब्ध कराई जा सके.
उन्होंने अधिकारियों से जनता के सवालों का उत्तर देने तथा एकीकृत कमांड सेंटर (आईसीसी) के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए सुविधाएं स्थापित करने को कहा.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेयजल की नियमित आपूर्ति होनी चाहिए. यदि पाइप लाइन से पानी उपलब्ध न हो तो लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टैंकरों की व्यवस्था की जानी चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से गिरे हुए पेड़ों की शाखाओं को हटाने के लिए कदम उठाने तथा ऐसे क्षेत्रों में तत्काल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा.
उदयनिधि स्टालिन ने अधिकारियों से आपातकाल के दौरान दृश्यता बढ़ाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लाइट लगाने को भी कहा.
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एकेएस/