मध्य प्रदेश में बाल विवाह को रोकने के लिए विभाग ने कमर कसी

Bhopal , 30 अक्टूबर . Madhya Pradesh में देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह बड़ी तादाद में होते आए हैं. इन्हें रोकना बड़ी चुनौती से कम नहीं है. महिला और बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोकने की रणनीति बनाई है. प्रदेश को ‘बाल विवाह मुक्त’ बनाने की दिशा में सशक्त कदम उठाए गए हैं.

राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा, “बाल विवाह न केवल एक कुप्रथा है, बल्कि यह बच्चियों के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और उनके उज्ज्वल भविष्य के साथ अन्याय है. Government, समाज और परिवार सभी को मिलकर इसे रोकने के लिए प्रयास करने होंगे ताकि ‘बाल विवाह मुक्त Madhya Pradesh’ का संकल्प साकार हो सके.”

बता दें कि देवउठनी एकादशी के बाद पारंपरिक रूप से विवाह समारोहों का शुभ मुहूर्त प्रारंभ होता है, ऐसे समय में बाल विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में सतर्कता बढ़ाई गई है. प्रत्येक ग्राम और वार्ड में सूचना दलों का गठन किया जा रहा है, जिनमें शिक्षक, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, पंचायत प्रतिनिधि और समाज के जागरूक नागरिक शामिल हैं. ये दल विवाहों की जानकारी रखेंगे और किसी भी संदिग्ध बाल विवाह की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम या बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को देंगे.

राज्य के सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जिनके दूरभाष नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है. बाल विवाह की सूचना पर तत्काल कार्रवाई के लिए उड़न दस्ते भी तैनात किए गए हैं. विभाग ने परियोजना और आंगनबाड़ी स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं और आम नागरिकों से बाल विवाह रोकथाम में सहयोग का आह्वान किया गया है.

गौरतलब है कि India Government द्वारा 2025 तक बाल विवाह की दर को 23.3 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने और 2030 तक देश को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त India बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 एवं Madhya Pradesh बाल विवाह प्रतिषेध नियम, 2007 के अंतर्गत बाल विवाह करना या कराना दण्डनीय अपराध है, जिसमें दोषियों को सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इस वर्ष देवउठनी एकादशी एक नवंबर को मनाई जाएगी, और इसी अवसर पर प्रदेशभर में यह विशेष जागरूकता मुहिम संचालित की जा रही है.

एसएनपी/डीकेपी