देवघर: निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर मंदिर में जबरन घुसने का आरोप, मामला दर्ज

देवघर, 8 अगस्त . देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के आरोप में दिल्ली के BJP MP मनोज तिवारी और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ स्थानीय थाने में First Information Report दर्ज कराई गई है. यह First Information Report देवघर की पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की शिकायत पर 7 अगस्त को दर्ज की गई है.

सांसद निशिकांत दुबे ने इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए social media पर लिखा है, “पूजा करने के कारण यह केस है. अभी तक 51 केस मेरे उपर दर्ज हैं. कल देवघर एयरपोर्ट से सीधे Police स्टेशन जाकर गिरफ़्तारी दूंगा.”

पंडा धर्मरक्षिणी सभा के कार्तिकनाथ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर में वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी. इसके बावजूद 2 अगस्त को मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्ककांत दुबे, दोनों सांसदों के पीए और देवघर के कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया.

शिकायत में यह भी कहा गया है कि निकास द्वार पर तैनात Policeकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी अफरातफरी मच गई. श्रद्धालुओं के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी. सांसदों द्वारा जबरन प्रवेश कर पूजा करने से पूजा बाधित हुई और व्यवधान भी हुआ. कार्तिकनाथ ठाकुर ने शिकायत में बताया है कि उस रात करीब 8:45 बजे सायंकालीन कांचा जल पूजा के दौरान यह घटना हुई है. पुरोहितों ने सांसदों और उनके साथियों को गर्भगृह में प्रवेश से मना किया, लेकिन स्थानीय व्यक्ति अभयानंद झा ने मनोज तिवारी और उनके सचिव को जबरन अंदर पहुंचा दिया.

मंदिर परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी फैल गई. पंडा धर्मरक्षिणी महासभा के पूर्व महासचिव ने निशिकांत दुबे पर मंदिर में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया है.

उल्लेखनीय है कि मनोज तिवारी ने सुल्तानगंज से देवघर तक करीब 105 किलोमीटर लंबी कांवर यात्रा 2 अगस्त को पूरी की थी. इस दौरान निशिकांत दुबे भी उनके साथ थे. इधर Jharkhand भाजपा के अध्यक्ष एवं विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सांसदों पर First Information Report की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

उन्होंने social media पर लिखा, “नीचता की हद पार करने पर उतारू होकर साज़िश रचने और षड्यंत्र करने में लगे रहने वाले Jharkhand Police के कुछ अफ़सरों को याद रखना चाहिए कि वर्दी पहनने का मतलब जनता की रक्षा है, ना कि व्यक्तिगत वैमनस्यता और निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये न्याय का गला घोंटना.” मरांडी ने आगे लिखा, “अगर कानून के रक्षक ही साज़िश करने लगें, तो जनता का भरोसा टूटता नहीं, बल्कि एक दिन उठकर सच्चाई का तूफ़ान बन जाता है. ये नहीं भूलना चाहिए कि कुर्सी और वर्दी समय के मेहमान हैं. कर्म और नीयत ही असली पहचान है!”

एसएनसी/डीएससी