हेलसिंकी, 28 जनवरी . डेनमार्क ने आर्कटिक क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का ऐलान किया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार की डेनमार्क के स्वामित्व वाले क्षेत्र ‘ग्रीनलैंड’ को हासिल करने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं.
डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सन ने सोमवार देर रात घोषणा की कि सरकार ग्रीनलैंड, आर्कटिक सागर और उत्तरी अटलांटिक की रक्षा को मजबूत करने के लिए 14.6 बिलियन डेनिश क्रोन (लगभग 2 बिलियन डॉलर) आवंटित करेगी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला डेनिश राजनीतिक दलों के बीच एक समझौते के बाद लिया गया.
योजनाओं में तीन नए आर्कटिक नौसैनिक जहाज और दो लंबी दूरी के ड्रोन, निगरानी को बढ़ाना और स्थानीय निवासियों के लिए संकट प्रशिक्षण शामिल होंगे.
पॉल्सन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये तैयारियां अभी शुरुआती चरण में हैं, आगे की योजनाओं को गर्मियों तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.
डेनिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के अनुसार, नए जहाज पांच या छह साल के भीतर सेवा में आ जाएंगे, और उम्मीद है कि वे मौजूदा जहाजों की जगह लेंगे.
जब पॉल्सन से यह पूछा गया कि क्या ये उपाय ग्रीनलैंड में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रुचि को ‘शांत’ करेंगे, तो उन्होंने सीधे जवाब देने से परहेज किया.
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में ग्रीनलैंड में अमेरिकी रुचि को दोहराया है, जो डेनिश संप्रभुता के तहत एक स्वायत्त क्षेत्र है.
इस बीच जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और नाटो महासचिव मार्क रूटे के साथ मंगलवार को होने वाली बैठक का जिक्र करते हुए, डेनिश प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा, “यूरोप एक गंभीर स्थिति में है. महाद्वीप पर युद्ध और भू-राजनीतिक वास्तविकता में बदलाव के साथ. ऐसे समय में, एकता महत्वपूर्ण है.”
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