भोपाल 15 अक्टूबर . मध्य प्रदेश में डेंगू धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है. मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और ग्वालियर में मरीजों का आंकड़ा एक हजार को भी पार कर गया है. स्वास्थ्य विभाग और नगरीय निकाय हालात पर काबू पाने सक्रिय हैं . साफ सफाई अभियान से लेकर जमाव वाले पानी की जांच की जा रही है. घर -घर सर्वे भी हो रहा है.
राज्य के विभिन्न इलाकों में बीते कुछ दिनों में डेंगू के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ताजा आंकड़े जो सामने आए हैं वह इस बात का खुलासा करते हैं कि बीते सालों के मुकाबले इस बार डेंगू का प्रकोप कहीं ज्यादा है. ग्वालियर में 1000 से ज्यादा, भोपाल में 450, इंदौर में 440 और जबलपुर में 325 डेंगू के मामले सामने आए हैं. डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए नगरीय निकाय और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय हैं. घर-घर सर्वे कर रही हैं और साफ सफाई का अभियान भी चलाए हुए हैं मगर यह कोशिशें नाकाफी साबित हो रही है. उसका कारण भी है क्योंकि फागिंग मशीन हर इलाके में नहीं पहुंच पा रही है, जिससे मच्छरों की संख्या कम नहीं हो पा रही है, वहीं जगह-जगह पानी का जमाव है. यह स्थितियां मच्छरों की संख्या बढ़ाने में मददगार है.
राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इस स्थिति पर ग्वालियर की उच्च न्यायालय खंडपीठ ने भी चिंता जताई है. खंडपीठ की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि ग्वालियर में दलदली खुली भूमि पर जो पानी भरा है उसे खत्म किया जाए, बीमारी को रोकने का एक मजबूत सिस्टम बनाया जाए. इसके साथ ही जो मरीज सामने आते हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के अलावा गंभीर मरीजों को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करने की व्यवस्था की जाए. बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए नियमित सफाई और दवा के छिड़काव के साथ फॉगिंग मशीन का उपयोग करना जरूरी है.
ग्वालियर खंडपीठ ने डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, नगरीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव सहित कलेक्टर, नगर निगम के आयुक्त, जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी किया है.
जबलपुर के मलेरिया विभाग के अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर सितंबर में डेंगू का असर कम हो जाता है मगर इस बार बारिश का सिलसिला ज्यादा दिन चला है, ऐसी स्थिति में सतर्क रहने की जरूरत ज्यादा है. जबलपुर में ही पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू के मरीज दोगुने से ज्यादा सामने आए हैं. आने वाले दिनों में मरीजों संख्या ज्यादा न बढ़े इसके लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं.
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एसएनपी/एएस