![]()
पेशावर, 26 अक्टूबर . Pakistan के हुक्मरान पड़ोसियों संग विवाद में इतना उलझे हैं कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग चरमरा गई है इसका भी ख्याल नहीं कर रहे हैं. फिलहाल आम Pakistanी डेंगू का कहर झेल रहा है. स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और स्वास्थ्य अधिकारी कई प्रांतों में बढ़ते संक्रमण की रिपोर्ट कर रहे हैं. खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में, स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 24 घंटों में 74 नए डेंगू मामलों की पुष्टि की है, जिससे प्रांत में कुल मामले 3,939 हो गए हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक इनमें से 23 मरीजों को Saturday को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि 33 का अभी इलाज चल रहा है. इस मौसम में अब तक दो लोगों की इससे मौत हो चुकी है.
‘हम न्यूज’ ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांतों में चारसद्दा (1,051 मामले), पेशावर (386), मर्दान (343), हरिपुर (329), और मनसेहरा (299) शामिल हैं. स्वास्थ्य अधिकारी निवासियों से उचित सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और बुखार के पहले लक्षण दिखते ही मेडिकल सहायता लेने का आग्रह कर रहे हैं.
देश के अन्य हिस्सों में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी (आईसीटी) में, पिछले 24 घंटों में 31 नए मामले सामने आए, जिनमें से 16 ग्रामीण इलाकों से और 15 शहरी इलाकों से थे. चल रहे फ्यूमिगेशन और निवारक उपायों के तहत फील्ड टीमों ने 41,709 जगहों का निरीक्षण किया है. निवासियों से रुके हुए पानी को हटाने और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए घरों में साफ-सफाई बनाए रखने का आग्रह किया जा रहा है.
पंजाब में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. रावलपिंडी में पिछले 24 घंटों में 14 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे शहर में कुल मामले 1,177 हो गए हैं. 50 से ज्यादा मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, और सीजन की शुरुआत से अब तक 18,000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. पूरे प्रांत में, 53 नए मामलों की पुष्टि हुई, जिसमें लाहौर में 18, रावलपिंडी में 13, मुल्तान में 7, और फैसलाबाद में 5 मामले शामिल हैं, जिससे पंजाब में कुल मामले 2,615 हो गए हैं, जिसमें अकेले लाहौर में 492 मामले हैं.
पंजाब में 5.9 मिलियन से ज्यादा इमारतों की जांच की है और 1,89,176 घरों से डेंगू के लार्वा बरामद किए हैं. डेंगू विरोधी एसओपी उल्लंघन के कारण 4,630 मामले दर्ज किए गए हैं और 1,882 परिसरों को सील कर दिया गया है.
सिंध में अधिकारियों को यूनियन काउंसिल लेवल पर फ्यूमिगेशन प्लान लागू करने, मच्छरों के लार्वा को साइंटिफिक तरीके से हटाने, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने और स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन के जरिए लोगों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
हालांकि लोग हुक्मरानों के तरीके से कुछ खास उत्साहित नहीं हैं. डेंगू के बढ़ते मामलों पर हाल ही में एक याचिका भी पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) में दायर की गई थी. इसमें खैबर पख्तूनख्वा के स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक और पेशावर आयुक्त को प्रतिवादी बनाया गया था. याचिकाकर्ता ने शहरी क्षेत्रों में निढाल स्वच्छता व्यवस्था और कचरे के जमाव के कारण मच्छरों के प्रजनन से बढ़ते जन स्वास्थ्य खतरे का हवाला देते हुए अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था.
–
केआर/