केंद्र से 10,000 करोड़ की मांग दिल्ली सरकार का चुनावी हथकंडा : प्रवीण खंडेलवाल

नई दिल्ली, 27 नवंबर . दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले दिल्ली की आप सरकार ने केंद्र से 10 हजार करोड़ रुपये मांगे हैं. भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बुधवार को से बातचीत में इसे चुनावी हथकंडा बताया.

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह पूरी तरह से दिल्ली सरकार का चुनावी हथकंडा है. पहले जब केंद्र सरकार ने फंड मुहैया कराया तो दिल्ली के राजस्व का दुरुपयोग हुआ. मैं पूछना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार ने ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना’ क्यों लागू नहीं की? ऐसी कई केंद्रीय योजनाएं हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार ने लागू नहीं किया है. अब वे केंद्र सरकार से फंड कैसे मांग सकते हैं? चुनाव से ठीक पहले यह मांग सस्ती राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है.”

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर उन्होंने कहा है कि सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, जिस भी देश में हिन्दू समाज के लोग रहे रहे हैं वहां पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां की सरकार की होनी चाहिए. धर्म स्थलों को किसी भी तरह से कोई नुकसान न पहुंचाया जाए, यह भी सरकारों की जिम्मेदारी बनती है. मुझे लगता है कि सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

हर विधानसभा में 20 हजार वोट काटने के सवाल पर भाजपा सांसद ने कहा है कि यह मामला दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और चुनाव आयोग के बीच का है. मुझे लगता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष है और वह जांच करेगा. जिस भी विधानसभा में फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए होंगे उन पर चुनाव आयोग सक्षम है कि वह निर्णय लेगा.

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी बुनियादी चीजों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती हैं. दिल्ली में 10 साल से कुशासन किया गया. यहां की बदहाल स्थिति की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार, अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी की बनती है. बीते 10 साल में हमने देखा है कि दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागती नजर आ रही है. आतिशी का बयान सिर्फ राजनीति से प्रेरित है.

डीकेएम/एकेजे