लोक आस्था का महापर्व : छठ पर बाजारों में बढ़ी गन्नों की डिमांड, खुश हुए गन्ना किसान

प्रयागराज, 25 अक्टूबर . लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत Saturday से हो चुकी है. आज नहाए-खाए के साथ व्रती छठ पूजा का संकल्प लेंगे और 28 अक्टूबर की सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर इसका समापन करेंगे.

के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी फिल्में आने वाले समय में ऐसी होंगी जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक कहानियों को बड़े पर्दे पर जीवंत करें.

एमी विर्क ने पंजाबी फिल्मों के विकास पर भी गर्व जताया. उन्होंने कहा, ”पहले पंजाबी फिल्मों का बजट केवल 2 करोड़ रुपये होता था, जबकि आज यह 100 करोड़ तक पहुंच गया है. भविष्य में यह बजट 200 करोड़ और फिर 500 करोड़ तक पहुंच सकता है, लेकिन यह तब संभव होगा जब हमारी फिल्मों में हमारी संस्कृति और इतिहास को प्रमुखता दी जाएगी.”

एमी ने भविष्य में महाराजा रणजीत सिंह पर फिल्म बनाने की योजना भी बताई, जो उनकी सांस्कृतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है.

एमी विर्क ने अपने अगले कई सालों की योजना को भी साझा किया. उनका कहा, ”मेरा केवल एक ही लक्ष्य है, एक ऐसी पहचान छोड़ना जो लंबे समय तक याद रहे. हमारी मेहनत और फिल्में आने वाली पीढ़ियों, छोटे कलाकारों और बच्चों के लिए प्रेरणा बनें. मैं यह आने वाले 10-20 साल, 20-30 साल की बात कर रहा हूं.”

ईमानदारी एमी विर्क के लिए सबसे ऊपर है. उन्होंने स्पष्ट किया, ”मेरे लिए कोई चीज ईमानदारी से ऊपर नहीं है. मैं हमेशा सच बोलने और सही काम करने को प्राथमिकता देता हूं.”

एमी ने पंजाबी सिनेमा और Bollywood के बीच के अंतर को भी समझाया. उन्होंने कहा, ”असल फर्क केवल पैसों का है, क्योंकि Bollywood की फिल्में महंगी होती हैं. लेकिन हर क्षेत्र की अपनी अलग खासियत और सुगंध होती है. जैसे पंजाब की फिल्म में पंजाबी संस्कृति की खुशबू होती है, Gujarat की फिल्मों में Gujaratी संस्कृति की. यह क्षेत्रीय विविधता ही फिल्मों को खास बनाती है.”

पीके/एएस